हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, ग्रुप सी के पदों के लिए CET परीक्षा को पात्रता परीक्षा बनाने से किया इंकार

चंडीगढ़ | आप सभी जानते हैं कि 5 और 6 नवंबर को हरियाणा सरकार के ग्रुप सी पदों पर भर्ती के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट आयोजित करवाया गया था. सीईटी पॉलिसी के अनुसार जनरल वर्ग को सीइटी की परीक्षा में 50 फ़ीसदी अंक जबकि अन्य वर्गों को 40 फ़ीसदी अंक लेने होंगे तभी उस उम्मीदवार को पास माना जाएगा अन्यथा उम्मीदवारों को सीईटी फिर से देना होगा. सीईटी में आए अंकों में सामाजिक-आर्थिक अंक जोड़कर सीईटी स्कोर तैयार होगा.

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युवा कर रहे हैं विरोध

इस सीईटी स्कोर के आधार पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ग्रुप सी पदों पर भर्ती के लिए पदों की संख्या के तीन से पांच गुना उम्मीदवारों को स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए बुलाएगा लेकिन सीईटी दे चुके युवा इस शर्त का विरोध कर रहे हैं. युवाओं का कहना है कि इस टेस्ट को केवल क्वालीफाई किया जाए और सभी पास होने वाले उम्मीदवारों को दूसरा पेपर देने का मौका मिले.

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युवाओं की दलील है कि हो सकता है उस समय पेपर के दबाव की वजह से या फिर और किसी कारण की वजह से 2-4 प्रश्न गलत हो गए होंगे इसीलिए सभी पास होने वाले उम्मीदवारों को मौका मिलना चाहिए ताकि वह दूसरे पेपर में अच्छा प्रदर्शन कर सकें.

CET को क्वालीफाई परीक्षा बनाने की कर रहे मांग

800 युवाओं ने प्रदेश सरकार को आग्रह पत्र भेजकर सीईटी क्वालीफाई करने की मांग की है. इस मांग में युवाओं के साथ हैं यूट्यूब पर भी मुहिम कर रहे हैं. मुख्य तौर पर इस मुहिम में जीके परवीन उड़ान, जीके प्रदीप सर, हरियाणा जीके बालकिशन कोशिक, DSL जींद से दीपक लाठर सर और अन्य कई अध्यापक भी जुड़े हुए हैं. इन सभी की मांग यही है कि सीईटी को एक क्वालीफाई परीक्षा बनाया जाए.

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CM पहले ही कर चुके पॉलिसी मंजूर

प्रदेश सरकार के पास पहुंचे इन 800 आग्रह पत्रों को मुख्य सचिव कार्यालय भेज दिया गया है. मुख्य सचिव कार्यालय ने मुख्यमंत्री के पास दो प्रस्ताव भेजें. पहला प्रस्ताव था कि जो बेहतरीन पद है उनके लिए सीईटी स्कोर के आधार पर कुछ संख्या निर्धारित कर दी जाए तथा दूसरा प्रस्ताव यह है कि सीईटी परीक्षा को क्वालीफाई किया जाए. मुख्यमंत्री कार्यालय में जब यह फाइल आई तो मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ने लिख दिया कि इस बारे में मुख्यमंत्री पहले ही पॉलिसी मंजूर कर चुके हैं.

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