चंडीगढ़ | हरियाणा की मनोहर सरकार ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के दृष्टिगत ‘गीता महोत्सव ‘ की तर्ज पर राज्य में ‘कृष्णा उत्सव’ शुरू करने का निर्णय लिया है. जिसमें श्री कृष्ण के जीवन प्रसंगों को झांकी, संगीत, नृत्य व आधुनिक तकनीक के सहयोग से मनमोहक अंदाज में प्रस्तुत किया जाएगा. इस उत्सव की रुपरेखा तैयार करने के लिए बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में एक मीटिंग का आयोजन किया गया. बैठक में मुख्यमंत्री समेत पर्यटन, शिक्षा ,कला एवं संस्कृति मंत्री कंवर पाल गुर्जर समेत संबंधित विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने निर्देश दिए कि जिस प्रकार फरीदाबाद जिले में सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला व कुरुक्षेत्र के गीता महोत्सव का राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष महत्व है,उसी प्रकार प्रस्तावित ‘कृष्णा उत्सव’ का आयोजन किया जाना चाहिए.
भगवान श्री कृष्ण का हरियाणा से विशेष संबंध
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण का हरियाणा की भूमि से विशेष संबंध है. कुरुक्षेत्र में उन्होंने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, जिसमें कर्म की महत्ता पर बल दिया गया था. बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि ‘श्री कृष्णा उत्सव’ में भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न रूपों का वर्णन किया जाएगा.
इसमें उसकी बाललीला से लेकर रासलीला तक , एक साधारण मानव से लेकर उनके राजा और कर्मयोगी आदि व्यक्तित्व के दर्शन करवाया जाएगा. इस उत्सव के दौरान झांकियों के माध्यम से कृष्ण अवतार व थियेटर के मंच से उनकी रासलीला व संगीत कला प्रदर्शित की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस उत्सव के माध्यम से लोगों को भगवान श्री कृष्ण के जीवन के वास्तविक पहलुओं को करीब से देखने का मौका मिलेगा और वें भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों को अपने जीवन में धारण कर सकेंगे.
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