चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार ने फसल विविधीकरण योजना के अंतर्गत दक्षिण हरियाणा के बाजरा बाहुल्य सात जिलों नामत: भिवानी, चरखी दादरी, महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, हिसार तथा नूह में बाजरे के स्थान पर दलहन व तिलहन की फसलों को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है.
योजना के तहत कम से कम एक लाख एकड़ क्षेत्र में दलहन व तिलहन फसल को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है. दलहनी फसलों में मूँग, अरहर व उड़द तथा तिलहनी फसलों में अरण्ड, मूंगफली व तिल की फसलें शामिल हैं. इसके तहत किसानों को 4,000 रुपये प्रति एकड़ वित्तीय सहायता भी प्रदान की जायेगी.
30 जून तक करें आवेदन
स्वदेशी कपास का अनुदान प्राप्त करने के लिए किसान मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर 30 जून तक ऑनलाइन आवेदन करें. उसके बाद उन्हें कोई और अवसर नहीं मिलेगा. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. बलवंत सहारन ने कहा कि इन फसलों को उगाने से किसानों को खेत में नाइट्रोजन उर्वरक की कम मात्रा की आवश्यकता होगी. इसके अलावा तिलहन फसलों को बढ़ावा देकर देश में खाद्य तेल की कमी को भी पूरा किया जाएगा.
अब जिले के लगभग सभी किसानों ने कपास की बिजाई कर ली है. इसलिए जिन किसानों ने अपने खेतों में देशी कपास की बिजाई की है, वे इस अनुदान को लेने के हकदार हैं. किसान इस अनुदान के लिए 30 जून तक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग मेरी फसल मेरा ब्योरा के पोर्टल पर आवेदन करें. उनके खेतों का निरीक्षण करने के बाद अनुदान की राशि सीधे किसानों के खातों में भेजी जाएगी. 30 जून के बाद अनुदान का लाभ नहीं मिलेगा.
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