चंडीगढ़ | चौतरफा विरोध के बाद स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (SLC) की फीस को लेकर हरियाणा सरकार ने यू- टर्न ले लिया है. शिक्षा विभाग एसएलसी के नाम पर लिए गए तीन हजार रुपये अब नहीं लेगा. यह मोटी फीस विभाग ने 10वीं और 12वीं में प्रवेश के लिए रखी थी. छात्रों और अभिभावकों के बढ़ते विरोध को देखते हुए हरियाणा सरकार ने यह फैसला लिया है. एसएलसी के साथ ही चंडीगढ़ में शिक्षा विभाग के कई मुद्दों को लेकर अहम बैठक हुई. इस बैठक में शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने अधिकारियों से कई मुद्दों पर चर्चा की. इसी बैठक में ही एसएलसी पर चर्चा के बाद इसे वापस लेने का फैसला किया गया.
एसएलसी को लेकर कड़े नियम
हरियाणा में 10वीं-12वीं कक्षा के दाखिले में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए कड़े नियम लागू किए गए हैं. हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) ने सभी संबंधित स्कूलों को निर्देश जारी किया है कि वैध कारण होने पर ही छात्र स्कूल बदलकर 10वीं और 12वीं कक्षा में प्रवेश ले सकेंगे. साथ ही, ऐसे छात्रों की जानकारी प्रवेश प्रक्रिया के एक माह के भीतर स्कूलों को देनी होगी.
68 स्कूलों के भवन हैं जर्जर
चंडीगढ़ में हुई इस अहम बैठक में स्कूल भवनों पर भी चर्चा हुई. अधिकारियों ने कहा कि राज्य में 68 स्कूलों के भवनों की हालत खस्ता है. इनमें से 38 स्कूल भवनों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है. इस पर काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. बैठक में हरियाणा के शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए और समय से पहले काम पूरा करने का प्रयास किया जाए.
निजी स्कूल के शिक्षकों को मिलेगा राजकीय पुरस्कार
हरियाणा में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए सरकार समय- समय पर शिक्षकों को सम्मानित भी कर रही है. इसी कड़ी में अब सरकार निजी स्कूलों के शिक्षकों को भी सम्मानित करने पर विचार कर रही है. शिक्षा मंत्री ने बैठक में इस मुद्दे पर अधिकारियों से चर्चा की. निजी विद्यालयों के शिक्षकों को राजकीय पुरस्कार देने के लिए अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने को कहा. इसके अलावा बैठक में सुपर 100 के परिणाम पर भी चर्चा हुई.
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