चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार ने गलत और अयोग्य लोगों की पेंशन काटने की तैयारी कर ली गई है. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से पांच विभागों को नोटिस जारी किया गया है. दरअसल, सरकार ने विभागों को आदेश दिया है कि अपात्रों को पात्र चुनने वाली समिति के सदस्य कर्मचारियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. यह जानकारी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की निदेशक आशिमा बराड़ ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दी है.
उच्च न्यायालय को बताया गया कि 13,477 अपात्र व्यक्तियों में से 2189 को बाद में पात्र पाया गया, 1254 की मृत्यु हो गई और 554 लाभार्थियों का पता नहीं चल पाया है. अब तक अपात्रों से 6.55 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है, जिसमें से 1.97 करोड़ रुपये की वसूली 2022-23 में की गई है.
अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई शुरू
इस हलफनामे में कोर्ट को बताया गया कि 13,477 अपात्र, 17,094 अस्तित्वहीन और 50,312 मृत लाभार्थियों को पेंशन बांटने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. ऐसे अयोग्य व्यक्तियों के नाम की अनुशंसा करने वाली जांच समितियों के सदस्यों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गयी है.
बता दें कि हाईकोर्ट ने भी इस मामले में सीबीआई को प्रारंभिक जांच करने का आदेश दिया था और उसी के अनुरूप सीबीआई ने रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंप दी है. सीबीआई ने हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करते हुए कहा कि पूरे हरियाणा में दोषी जिला समाज कल्याण अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
इन विभागों को जारी हुआ आदेश
राज्य सरकार ने पंचायत एवं शहरी निकाय विभाग, विकास विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, महिला एवं बाल कल्याण विभाग और राजस्व विभाग को उन कर्मियों की पहचान करने का आदेश दिया है जो समिति के सदस्य थे.
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