चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार ने पंचायती जमीन पर लंबे समय से कब्जा जमाए बैठे लोगों को बड़ी राहत देने की तैयारी कर ली है. ऐसे लोगों को जमीन का मालिकाना हक देने के लिए सरकार ने कानून में संशोधन के लिए एक कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में सीएम, डिप्टी सीएम, पंचायत मंत्री, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री और महाअधिवक्ता शामिल हैं.
पुराने कानूनों का अध्ययन करने और नया कानून तैयार करने के लिए इस कमेटी का गठन किया गया है. सरकार नए कानून के जरिए इस मामले का स्थाई समाधान चाहती है. इस कमेटी की दो बैठकें हो चुकी है और अधिकारियों को कानून का प्रारुप तैयार करने के निर्देश दिए जा चुके हैं. यह कार्य आखिरी दौर में हैं और जल्द ही इससे संबंधित विधेयक विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा.
मिली जानकारी के अनुसार, हरियाणा सरकार इस कानून में संशोधन कर रही है. जिसके तहत, जितना पुराना कब्जा होगा उसे उतनी ही रियायत कलेक्टर रेट में देकर जमीन का मालिकाना हक दे दिया जाएगा. बुधवार को चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास पर सीएम मनोहर लाल ने भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि सुरेश कोथ, अमरजीत मोहड़ी, मनदीप नाथवान आदि के साथ एक बैठक करते हुए यह घोषणा की है. इस बैठक में कृषि मंत्री जेपी दलाल के साथ साथ तमाम विभागों के आला अधिकारी भी मौजूद रहे.
बैठक के दौरान यह मुद्दा उठा कि ऐसी संपतियों में प्रदेश की लाखों एकड़ जमीन आती है. आधा गुरुग्राम और फरीदाबाद ऐसी जमीन पर बसा है और लोग यहां सालों से अपना कारोबार जमाए हुए हैं. इन जमीनों में जुमला मालकान, मुश्तरका मालकान, शामलात देह, जुमला मुश्तरका मालकान, आबादकार, पट्टेदार, ढोलीदार, बुटमीदार व मुकरीरदार व अन्य लाखों काश्तकारों की संपत्तियां आती हैं.
सीएम मनोहर लाल ने बताया कि किसान यूनियन के वकील भी इस कमेटी को सुझाव दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि जो किसान सालों से ऐसी जमीन पर मकान बना कर रह रहे हैं या खेती कर रहे हैं, उनके साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा. मनोहर लाल ने कहा कि आगे इस तरह से पंचायती जमीन पर कब्जे न हो. इसके लिए सरकार पूरी सख्ती बरतेगी.
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