सामाजिक आर्थिक मानदंड के 5 अंकों के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी हरियाणा सरकार, अब आदेश का इंतजार

चंडीगढ़ | पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने ग्रुप सी और डी पदों की भर्ती में सामाजिक- आर्थिक मानदंड के दिए जाने वाले अंकों की अधिसूचना को रद्द कर दिया है. इन 5 नंबरों के रद्द होने के बाद फिलहाल भर्ती प्रक्रिया रुकी हुई है. हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) के नए अध्यक्ष हिम्मत सिंह बने हैं. अभी तक अध्यक्ष की तरफ से कोई भी जानकारी नहीं दी जा रही कि हाईकोर्ट के फैसले पर आगे क्या हो रहा है, भर्ती प्रक्रिया कैसे चलेगी या रुकी रहेगी या अगला कदम क्या उठाया जाएगा.

HIGH COURT

सुप्रीम कोर्ट में की जाएगी अपील

इसी बीच हरियाणा के सीनियर एडवोकेट जनरल बलदेव राव महाजन से कुछ जानकारी मिली है. सरकार का कहना है कि सामाजिक आर्थिक मानदंड के 5 अंकों के लिए अब सरकार सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी. इसके लिए अपील तैयार कर ली गई है, मगर अभी सुप्रीम कोर्ट में छुट्टियां चल रही है. ऐसे में यह साफ हो चुका है कि हाई कोर्ट में रिव्यू दायर नहीं किया जाएगा और सुप्रीम कोर्ट में ही अपील की जाएगी. उन्होंने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की डबल बेंच ने पहले ही सामाजिक- आर्थिक मानदंड के अंकों को सही ठहराया हुआ है.

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पहली सुनवाई पर अंतरिम आदेश का इंतजार

खंडपीठ ने तो हरियाणा सरकार की तारीफ भी की हुई है. ऐसे में डबल बेंच के फैसले को डबल बेंच नहीं पलट सकती. यदि फैसला पलटना है तो बड़ी बेंच (तीन जजों की बेंच) के सामने सुनवाई होनी चाहिए थी. ऐसे में नई खंडपीठ भी दो जजों की थी, जिसने पहली खंडपीठ के फैसले को बदल दिया. उन्होंने बताया कि हम सुप्रीम कोर्ट में अपील की पहली सुनवाई पर अंतरिम आदेश का इंतजार करेंगे. यदि सुप्रीम कोर्ट से पहली सुनवाई पर हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लग जाती है, तो ग्रुप C और D के जो बचे हुए पद है उनका रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा.

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अगर रोक नहीं लगती है तो हाईकोर्ट के फैसले को लागू करते हुए ग्रुप सी और डी के बकाया पदों का रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा और शेष पदों की भर्ती प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश की प्रतीक्षा रहेगी तब तक यही स्थिति बनी रहेगी. जो लगे हुए हैं उन पर इस फैसले का कोई प्रभाव होगा या नहीं इस पर सीनियर एडवोकेट ने बताया कि हाईकोर्ट ने उन्हें भी छह महीने का समय दे रखा है. जो रिजल्ट एचएसएससी ने पहले घोषित किए हुए हैं, उनमें सामाजिक- आर्थिक मानदंड के अंक शामिल नहीं है.

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