चंडीगढ़ | हरियाणा में बुजुर्गों की कटी पेंशन को लेकर चौतरफा मचे बवाल के बीच खट्टर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब पेंशन रोकने से पहले संबंधित लाभार्थी के मोबाइल पर मैसेज भेज कर सूचित किया जाएगा. साथ ही रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया मृत्यु एवं जन्म से आने वाले डाटा को फील्ड में भेजकर सत्यापित कराएगा. इसको लेकर प्रदेश सरकार द्वारा सभी जिलों के समाज कल्याण अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. ये अधिकारी गांव के नंबरदार, तहसीलदार की तस्दीक के बाद ही पेंशन रोकने पर फैसला लेंगे.
बता दें कि हरियाणा में गलती की वजह से 102 वर्षीय बुजुर्ग दुलीचंद को फैमिली आईडी में मृत दिखाकर पेंशन काट दी गई थी. दादा दुलीचंद की पेंशन कटने को लेकर प्रदेश में इतना हंगामा खड़ा हुआ कि खट्टर सरकार को चौतरफा किरकिरी झेलनी पड़ी. बुजुर्गों के प्रदर्शन से दबाब में आई सरकार ने फैमिली आईडी में हुई गलतियों को ठीक करने के लिए स्पेशल डेस्क बनाने के आदेश देने पड़े. अब बुजुर्ग इन हेल्प डेस्क पर पहुंच कर अपने दस्तावेजों को दुरुस्त करवाकर पेंशन को फिर से चालू करवा सकते हैं.
दरअसल समाज कल्याण विभाग रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया मृत्यु और जन्म के आए डाटा के आधार पर ही पेंशन रोक देता था, जिससे बार-बार गड़बड़ी हो जाती थी. विभाग ने जिंदा लोगों को मृत दिखाकर पेंशन काट दी और मृतकों को जिंदा दिखाकर उनकी पत्नियों की विधवा पेंशन रोक दी. इस मामले को लेकर प्रदेश भर में मचे बवाल को देखते हुए अब विभाग ने अपनी कार्यप्रणाली को बदलने का फैसला लिया है. प्रतिदिन मैराथन बैठकें आयोजित कर सिस्टम की खामियों को दूर किया जा रहा है ताकि पेंशन को लेकर मचे बवाल पर किसी तरह काबू पाया जा सकें.
समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अब भविष्य में पेंशन रोकने से पहले जीवित और मृत लोगों के डाटे को पूरी तरह से वैरिफाई किया जाएगा. लाभार्थियों को मोबाइल पर मैसेज भेज कर सूचित किया जाएगा कि उसकी पेंशन किस वजह से रोकी गई है. इसके बाद उन्हें कोई आपत्ति होगी तो वे समाज कल्याण विभाग के पास अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकते हैं.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!