चंडीगढ़ | हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने शनिवार को वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के नये लाभार्थियों से सीधा संवाद किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बुढ़ापा पेंशन वह पहली योजना है, जिसे सरकार ने परिवार पहचान पत्र (PPP) से जोड़ा और यह प्रयोग बेहद सफल रहा. इस दौरान पिछले 6 महीने में ऑटोमैटिकली लगभग साढ़े 16 हजार बुजुर्गों को घर बैठे पेंशन मिलने लगी है. अब पेंशन के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने का झंझट ही खत्म हो गया है.
बुजुर्गों के लिए प्रहरी योजना लागू
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने वित्त वर्ष 2023- 24 के बजट में 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए ‘प्रहरी’ योजना शुरुआत करने की घोषणा की थी. परिवार पहचान पत्र से ऐसे बुजुर्गों की संख्या का आंकड़ा सवा दो लाख सामने आया है. इनमें से 3600 बुजुर्ग ऐसे हैं जो बिल्कुल अकेले रह रहें हैं.
इन बुजुर्गों का कुशलक्षेम पूछने के लिए वालंटियर्स या सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी जो महीने में एक बार उनसे व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करेंगे.
घर बैठे होगा समाधान
हरियाणा सीएम ने आगे बताया कि यदि किसी बुजुर्ग को चिकित्सा सहायता, सम्पत्ति की सुरक्षा अथवा किसी तरह की और मदद चाहिए होगी तो संबंधित सरकारी विभाग के माध्यम से उसकी समस्या का समाधान किया जाएगा. उसे कही जाने की आवश्यकता नहीं होगी. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रम योजना के तहत, सरकार द्वारा अकेले रह रहें बुजुर्गों की देखभाल सेवा आश्रमों में की जाएगी.
समर्पण पोर्टल पर कराएं रजिस्ट्रेशन
मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों से 60 साल की उम्र के बाद समाज सेवा के लिए आगे आने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने समर्पण पोर्टल बनाया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति वालंटियर के तौर पर स्वयं का रजिस्ट्रेशन करवा सकता है. वसुधैव कुटुंबकम् हमारे देश की संस्कृति है इसलिए सभी को समाज की भलाई के लिए मिलकर काम करना होगा.
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