चंडीगढ़ | हरियाणा में मनोहर सरकार की ओर से बरवाला के डीएसपी रोहताश को सस्पेंड करने का मामला विवादों में आ गया है. सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है “क्यों न हाईकोर्ट निलंबन आदेश पर रोक लगा दे”. हाईकोर्ट के जस्टिस विकास बहल ने हरियाणा के गृह सचिव, डीजीपी, डीसी, एसपी हिसार और अध्यक्ष जनसंपर्क एवं शिकायत निवारण समिति हिसार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
डीएसपी रोहताश को नहीं किया जाना था सस्पेंड
इस मामले में दायर याचिका में हाई कोर्ट को बताया गया कि हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि गृह मंत्री अनिल विज की ओर से की गई किसी भी सिफारिश से प्रभावित होकर डीएसपी हिसार को निलंबित नहीं किया जाएगा, लेकिन अब हरियाणा सरकार ने डीएसपी रोहताश (DSP Rohtash) को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए हैं.
कारण बताओं नोटिस भेजे बिना किया निलंबित
याचिकाकर्ता का कहना है कि उनसे कोई स्पष्टीकरण मांगे बिना अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ने निलंबन आदेश जारी कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि विवादित आदेश पारित करने से पहले उसे कोई कारण बताओं नोटिस या सुनवाई का अवसर तो दिया जाता. अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से इस प्रकार का कोई भी नोटिस नहीं दिया गया और सीधे निलंबित कर दिया गया.
अनिल विज की थी सिफारिश
याचिका में उनके 9 अगस्त के निलंबन आदेश को रद्द करने की मांग की गई है. 9 जून को प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने जिला जनसंपर्क एवं कष्ट निवारण समिति हिसार की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उनकी ओर से आदेशित मामले में कार्रवाई न करने पर रोहताश सिंह को निलंबित करने की सिफारिश की थी.
डीएसपी को अतिरिक्त मुख्य सचिव ने किया निलंबित
रोहताश सिंह ने तुरंत गृह मंत्री की सिफ़ारिश को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी. 5 जुलाई को उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार ने हलफनामा दिया कि वह इस मामले में विज की किसी भी सिफारिश से प्रभावित नहीं होगी, जिसके आधार पर हाई कोर्ट ने मामले का निपटारा कर दिया. हालांकि, 9 अगस्त को अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ने हरियाणा के भिवानी जिले के निवासी 57 वर्षीय डीएसपी रोहताश को निलंबित कर दिया.
निलंबित डीएसपी ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका
निलंबित डीएसपी ने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि जिला जनसंपर्क एवं कष्ट निवारण समिति हिसार कोई वैधानिक समिति नहीं है. 9 जून को हुई इस बैठक में अनिल विज ने उन्हें समिति के अध्यक्ष पद से निलंबित करने के मौखिक आदेश पारित कर दिए थे.
डीएसपी को नहीं रखने दी अपनी बात
याचिका में कहा गया है कि किसी भी समय याचिकाकर्ता को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए बैठक में नहीं बुलाया गया और सारी कार्यवाही याचिकाकर्ता के पीछे हुई. गौरतलब है कि हाल ही में हरियाणा सरकार की ओर से निलंबित किए गए सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता संदीप तनेजा को भी बीते दिन हाईकोर्ट ने बहाल कर दिया था.
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