चंडीगढ़ | हरियाणा की खट्टर सरकार अक्सर दावे करती है कि राज्य में किसानों की स्थिति बिल्कुल ठीक है और किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं है. मगर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हरियाणा के किसान की स्थिति काफी दयनीय है. भारत में प्रत्येक किसान परिवार औसतन 74,121 रुपए के कर्ज तले दबा है.
पहले नंबर पर आंध प्रदेश
एक रिपोर्ट के अनुसार, देश का हर दूसरा किसान कर्जदार है. भारत सरकार के मुताबिक कर्ज के लिहाज से आंध्रप्रदेश प्रति कृषक परिवार 2.45 लाख रुपए ऋण के साथ देश में सबसे ऊपर है. केरल (2.42 लाख रुपए प्रति परिवार) दूसरे और पंजाब (2.03 लाख रुपए प्रति परिवार) तीसरे नंबर पर है.
चौथे नंबर पर हरियाणा
देश में संपन्न समझा जाने वाला हरियाणा इस सूची में चौथे पायदान पर है. यहां प्रत्येक किसान परिवार पर औसतन 1.82 लाख रुपए का कर्ज है. सबसे कम कर्ज की बात करें तो नागालैंड में 1,750 के साथ किसान परिवारों की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है. इसके बाद, मेघालय (2,237 रुपए प्रति परिवार) और अरुणाचल प्रदेश (3.581 रुपए प्रति परिवार) दूसरे और तीसरे नंबर पर आते हैं.
सरकार ने इतना रुपया किया माफ
हरियाणा में 31 मार्च 2022 से अब तक वन टाइम सेटलमेंट स्कीम के तहत लोन लेने वाले 73,638 किसानों को 9137.95 करोड़ रुपए का लाभ दिया गया. कांग्रेस सरकार ने साल 2008-09 में 2136 करोड़ रुपए कर्ज माफ किया था. इसमें किसानों के अलावा गरीबों का कर्ज भी शामिल था. केंद्र सरकार ने 2008-09 में किसानों का ऋण माफ किया. तब से अब तक किसानों की कर्जमाफी से जुड़ी कोई योजना नहीं बनी है.
मुख्य बातें
- प्रदेश में किसान परिवारों की औसत मासिक आय 22 हजार, देश में हम तीसरे स्थान पर हैं.
- 10,218 है भारत के किसान परिवारों की औसत मासिक आय.
- 22,841 प्रदेश के किसान परिवारों की औसत मासिक आय, देश में तीसरे स्थान पर.
- 29,348 मासिक आय के साथ मेघालय के किसान परिवार देश में टॉप पर.
- 4,895 औसत मासिक आय के साथ झारखंड के किसान देश में सबसे नीचे.
प्रमुख राज्यों में किसानों की आय
- प्रदेश में कर्जमाफी की स्थिति
- पंजाब- 26,700
- हरियाणा- 22,841
- राजस्थान- 12,520
- छत्तीसगढ़- 9,667
- मध्यप्रदेश- 8,339
- बिहार- 7,542
- झारखंड- 4,895