चंडीगढ़ | हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह पर जूनियर महिला कोच के आरोप की जांच तेज हो गई है. कल चंडीगढ़ पुलिस ने जूनियर महिला कोच से सेक्टर 26 थाने में 8 घंटे तक पूछताछ की. जांच में शामिल पुलिस अधिकारियों ने 45 से अधिक सवाल पूछे. इस दौरान महिला कोच के बयान भी दर्ज किए गए. इसके बाद मामले की जांच के लिए पीड़िता के कोच का मोबाइल जब्त कर लिया गया.
1 करोड़ का आया आफर
पूछताछ के दौरान जूनियर महिला कोच ने चंडीगढ़ पुलिस के सामने यह भी खुलासा किया कि केस वापस लेने के लिए उसे 1 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी. इस संबंध में महिला कोच ने पुलिस को जरूरी साक्ष्य भी दिए. महिला कोच ने यह भी बताया कि उन्हें विदेश भेजने का ऑफर भी दिया जा रहा है. चंडीगढ़ पुलिस के मुताबिक, महिला कोच के वकीलों ने मामले को लेकर पुलिस को कुछ सबूत भी सौंपे हैं.
पुलिस संदीप सिंह से नहीं कर रही पूछताछ
पीड़िता के वकील दीपांशु ने कहा कि अभी तक हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह से इस मामले में एक बार भी पूछताछ नहीं की गई है जबकि जो धाराएं लगाई गई हैं. उसके आधार पर चंडीगढ़ पुलिस संदीप सिंह को तुरंत गिरफ्तार करे. दीपांशु ने कहा है कि इस मामले में हरियाणा पुलिस जांच को प्रभावित कर रही है और पीड़िता के पास लगातार फोन आ रहे हैं. हरियाणा पुलिस 3-4 बार पीड़िता के घर आ चुकी है.
किसी दबाव से नहीं डरने वाली
हरियाणा के पंचकूला स्टेडियम में तैनात महिला कोच ने कहा कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं लेकिन वह किसी धमकी या दबाव से डरने वाली नहीं हैं. वह हर स्तर पर लड़ाई लड़ने को तैयार हैं. वह किसी भी तरह के दबाव से नहीं डरते. महिला कोच ने कहा कि उन्हें चंडीगढ़ पुलिस की जांच पर पूरा भरोसा है. इससे पहले उन्होंने हरियाणा पुलिस की जांच कमेटी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था.
जांच के लिए 10 दिन की छुट्टी ली
जूनियर महिला कोच ने कानूनी प्रक्रिया में शामिल होने के लिए 10 दिन की छुट्टी ली है. पीड़िता का कहना है कि लड़ाई लंबी है. साथ ही, वह अपने स्वाभिमान को बचाने के लिए हर तरह से तैयार रहना चाहती है. महिला कोच ने बताया कि उन्होंने विवाद से जुड़े सारे सबूत जुटा लिए हैं. कुछ पुलिस को सौंप दिए गए हैं. कुछ अभी बाकी हैं, जिन्हें जल्द ही पुलिस को सौंप दिया जाएगा.
सीएम ने भी तोड़ी चुप्पी
हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह और जूनियर महिला कोच के बीच हुए विवाद पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने इस पूरे विवाद में कहा कि आरोप लगाने से कोई दोषी साबित नहीं होता पुलिस उसकी जांच करती है. इसके बाद ही यह साबित होता है कि लगाए गए आरोप सही हैं या नहीं.
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