चंडीगढ़ | अब हरियाणा की कॉरपोरेट कंपनियों के दफ्तरों में जाम फैलाने पर कोई रोक नहीं होगी. राज्य की नई आबकारी नीति के तहत, बड़ी कॉरपोरेट कंपनियां अपने कर्मचारियों को बीयर और कम अल्कोहल वाली शराब परोस सकेंगी. जून में लागू होने वाली हरियाणा की नई आबकारी नीति के तहत कार्यालय में ही बार बनाए जा सकेंगे. हालांकि, इस सुविधा के लिए कंपनियों को कुछ शर्तों को पूरा करना होगा. यह सुविधा सिर्फ उन्हीं कॉरपोरेट दफ्तरों को मिलेगी, जहां कम से कम पांच हजार कर्मचारी हों.
लेना पडेगा सरकार से लाइसेंस
कंपनियों को इसके लिए हरियाणा सरकार द्वारा एल- 10एफ लाइसेंस दिया जाएगा. लाइसेंस के लिए कई शर्तों को भी पूरा करना होता है. कंपनियों को पहले यह सुविधा लेने के लिए एक लाख वर्ग फुट जगह की शर्त पूरी करनी होगी. साथ ही, कम-से-कम दो हजार वर्ग फुट का कैंटीन एरिया बनाना होगा.
इन शहरों के कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
हरियाणा में चार ऐसे शहर हैं जहां कुछ बड़ी कंपनियां हैं, जो सरकार की इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगी. इनमें गुरुग्राम पहले नंबर पर आता है. इसके बाद फरीदाबाद, मानेसर और सोनीपत जैसे शहरों में बड़ी- बड़ी कॉरपोरेट और मल्टीनेशनल कंपनियां स्थापित हो गई हैं जो एक्साइज पॉलिसी की इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगी.
खरीदना होगा शराब का स्टॉक
नई आबकारी नीति के तहत, न केवल कारपोरेट कार्यालय में बीयर और शराब पीने की इजाजत होगी बल्कि पार्टियों में भी जाम फैलाने पर कोई रोक नहीं होगी. लाइसेंस धारक को नीति के अनुसार शराब का स्टॉक खरीदना होगा. इसके अलावा, पब और बार के लिए जरूरी शर्तें भी कंपनियों को पूरी करनी होंगी.
दस लाख रुपए देनी होगी फीस
कार्यालय में ही बार बनाने के लिए संबंधित कंपनी को लाइसेंस के लिए 10 लाख रुपये वार्षिक शुल्क देना होगा. इसके अलावा, लाइसेंसधारी को तीन लाख रुपये अतिरिक्त देने होंगे. यह तीन लाख रुपए सिक्योरिटी डिपॉजिट के तौर पर लिए जाएंगे. नीति में रेस्तरां, पब और कैफे के बार लाइसेंस शुल्क को कम किया गया है, जिससे शराब कारोबारियों को भी राहत मिली है.
इन्हें लगा झटका
हरियाणा में मनोरंजन शो, प्रदर्शनियों, कॉमेडी शो, मैजिक शो, मेगा- शो, सेलेब्रिटी इवेंट्स के दौरान आयोजकों को शराब परोसने के लिए अस्थायी लाइसेंस की फीस बढ़ा दी गई है. ऐसे आयोजनों के लिए 3 दिनों के लिए आवेदन दिया जाएगा. 5,000 लोगों के लिए अब प्रतिदिन प्रति कार्यक्रम 50 हजार रुपये देने होंगे.
इसके पहले 10 हजार रुपए देने पड़ते थे. वहीं, 25 हजार लोगों के कार्यक्रम की लाइसेंस फीस एक लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये प्रति कार्यक्रम कर दी गई है. इससे अधिक की सभाओं के लिए शुल्क 5 लाख रुपये प्रति दिन प्रति कार्यक्रम से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है.
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