चंडीगढ़ | शुक्रवार को हुई बैठक में हरियाणा सरकार के सचिव ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि जींद, झज्जर और फरीदाबाद के बी.के अस्पताल में 50-50 बेड के तीन क्रिटिकल केयर ब्लॉक भी बनाए जाएंगे. जिस पर करीब 80 करोड़ रुपये खर्च होंगे. साथ ही सरकारी मेडिकल कॉलेज खानपुर कलां में करीब 24 करोड़ रुपये की लागत से 50 बिस्तरों वाला क्रिटिकल केयर ब्लॉक बनाया जाएगा. यह जानकारी शुक्रवार को मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में हुई स्टेट हेल्थ सोसायटी एनएचएम हरियाणा की बैठक में दी गई.
बैठक में बताया गया कि एनएचएम के लिए भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 1445.13 करोड़ रुपये के संसाधन लिफाफे के खिलाफ 1443.27 करोड़ रुपये और वर्ष 2023-24 के लिए 1284.14 करोड़ रुपये का संसाधन लिफाफा के विरूध्द 1012.12 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है. इस प्रकार वित्तीय वर्ष 2022-24 के लिए कुल 2455.39 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है.
कैथ लैब किए जाएंगे स्थापित
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि प्रदेश में पहले से चल रहे कैथ लैब के अलावा अन्य जगहों पर भी कैथ लैब स्थापित करने की संभावनाएं तलाशी जाएं. साथ ही निजी क्षेत्र में स्थापित बड़े मल्टीस्पेशलिटी अस्पतालों का सरकार से सहयोग का मसौदा भी तैयार किया जाए. उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि हरियाणा को एनीमिया मुक्त बनाने के लिए तैयार की गई राज्य कार्ययोजना को शीघ्रता से लागू किया जाए. ताकि हरियाणा को एनीमिया मुक्त बनाने का लक्ष्य जल्द से जल्द हासिल किया जा सके.
बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय औसत 103 (एसआरएस 2017-19) के मुकाबले एमएमआर में 96 अंकों की गिरावट आई है. हरियाणा ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के तहत 2030 तक एमएमआर को 100 से कम करने का लक्ष्य पहले ही हासिल कर लिया है. स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करके संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया गया है. राज्य में संस्थागत प्रसव जून 2022 तक बढ़कर 97.1 प्रतिशत हो गया है.
बैठक में बताया गया कि ई-संजीवनी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर टेली-कंसल्टेशन सर्विस के तहत पीजीआईएमआर, चंडीगढ़ में हब बनाया गया है. जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम 24 घंटे टेली-परामर्श सेवा के लिए उपलब्ध है. हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के डॉक्टर मरीजों की बीमारी को लेकर सीधे ऑनलाइन माध्यम से पीजीआई के विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श कर रहे हैं. हरियाणा की इस पहल की लोकसभा में भी तारीफ हुई है.
6 विशेष एमसीएच विंग किए जाएंगे स्थापित
बैठक में बताया गया कि राज्य में आरएमएनसीएएच सेवाएं प्रदान करने के लिए पंचकूला, पानीपत, फरीदाबाद, सोनीपत, पलवल और मेडिकल कॉलेज, नूंह के सिविल अस्पतालों में एक छत के नीचे 6 विशेष एमसीएच विंग स्थापित किए जाएंगे. एमसीएच के सभी विंग के ड्रॉइंग को मंजूरी मिल गई है. एमसीएच पंचकूला और पानीपत में निर्माण कार्य चल रहा है. एमसीएच फरीदाबाद के लिए टेंडर प्रक्रिया में है.
बैठक में बताया गया कि भारत सरकार ने राज्य के फरीदाबाद, गुरुग्राम और पंचकूला के 5 सरकारी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) और इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) स्थापित करने का निर्णय लिया है. एसआरएस 2020 के अनुसार, हरियाणा की शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) 28 है, जो 2013 में 41 थी. इसमें 13 अंकों की काफी कमी आई है. राज्य में 24 विशेष नवजात देखभाल इकाइयां (एसएनसीयू), 66 नवजात स्थिरीकरण इकाइयां (एनबीएसयू), 318 नवजात देखभाल कॉर्नर (एनबीसीसी) और केएमसीयू सहित 11 पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) हैं.
बैठक में बताया गया कि ई-संजीवनी सरकार की राष्ट्रीय टेली-परामर्श सेवाओं के तहत ऑनलाइन स्टे होम ओपीडी है, जिसे हरियाणा में भी शुरू कर दिया गया है. इस सेवा के तहत कोई भी व्यक्ति लैपटॉप/डेस्कटॉप या एंड्रॉइड स्मार्ट का उपयोग करके डॉक्टर से परामर्श कर सकता है. अब तक ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से 1 लाख 9100 टेली-परामर्श किए जा चुके हैं.
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