चंडीगढ़, Haryana Panchayat Election | हरियाणा में आखिरकार पंचायत चुनावो की तारीखे घोषित हो गयी. पहले चरण में जिन 10 जिलों में पंचायत चुनाव होंगे, उनमें भिवानी, फतेहाबाद, झज्जर, जींद, कैथल, महेंद्रगढ़, नूंह, पंचकूला, पानीपत और यमुनानगर शामिल हैं. इन जिलों में नामांकन 14 अक्टूबर से शुरू होकर 19 अक्टूबर तक चलेगा. नामांकन पत्रों की जांच 20 अक्टूबर को होगी. नामांकन 21 अक्टूबर दोपहर तक वापस लिए जा सकेंगे.
इन 10 जिलों में जिला परिषद और पंचायत समितियों के लिए 30 अक्टूबर को वोटिंग होगी. 2 नवंबर को सरपंच-पंचों के लिए वोटिंग होगी. मतदान खत्म होते ही सरपंच-पंचों की गिनती शुरू हो जाएगी. जबकि राज्य के बाकी जिलों में चुनाव खत्म होने के बाद जिला परिषद और पंचायत समितियों के मतों की गिनती एक साथ की जाएगी.
चुनाव लड़ने के लिए शैक्षिक योग्यता
जिला परिषद सदस्य के लिए सामान्य वर्ग के लिए 10वीं रखी गई है. महिलाओं और एससी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 8वीं और एससी महिलाओं के लिए 5वीं पास होना जरूरी है. पंचायत समिति के सदस्य के चुनाव के लिए सामान्य वर्ग के लिए 10वीं, महिला व एससी वर्ग के लिए 8वीं और एससी महिलाओं के लिए 5वीं पास होना जरूरी है.
सरपंच चुनाव के लिए सामान्य वर्ग के लिए 10वीं, महिलाओं और एससी वर्ग के लिए 8वीं और एससी महिलाओं के लिए 5वीं पास होना अनिवार्य है.
पंच पद के लिए सामान्य वर्ग के लिए 10वीं और महिलाओं और एससी वर्ग के लिए 8वीं और एससी महिलाओं के लिए 5वीं पास होना जरूरी है.
चुनाव आयोग की घोषणा
इस चुनाव में 64 लाख 32 हजार 609 पुरुष मतदाता, 56 लाख 10 हजार 272 महिला और 192 थर्ड जेंडर मतदाता मतदान करेंगे.
चुनाव कराने के लिए 38 हजार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है.
जिला परिषद सदस्यों की 411, पंचायत समिति सदस्यों की 3081, सरपंच की 6,220 और पंचायत सदस्यों की 61,993 सीटों पर चुनाव होंगे.
चुनाव में 21 महीने की देरी हरियाणा में 21 महीने की देरी से नवंबर में बनेगी गांवों की सरकार. इससे पहले 5 साल का कार्यकाल पूरा होने पर फरवरी 2021 में पंचायतों को भंग कर बीडीपीओ को जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इससे पहले 2016 में भी चुनाव 6 महीने देरी से हुए थे, लेकिन इस बार सबसे ज्यादा देरी हुई है.
चुनाव तो होंगे लेकिन नतीजा कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा
हरियाणा सरकार ने पंचायत चुनाव में बीसी-ए के लिए 8% और महिलाओं के लिए 50% आरक्षण का प्रावधान किया था. इसे कोर्ट में चुनौती दी गई, जिसके चलते चुनाव नहीं हो सका. इसकी सुनवाई चल रही है.उच्च न्यायालय ने सरकार को स्पष्ट कर दिया है कि वह नए प्रावधान के साथ चुनाव करा सकती है, लेकिन इसका परिणाम अदालत के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा.
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