चंडीगढ़ | हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में एक बड़ा घोटाला सामने आया है. विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कैग द्वारा पेश रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. बता दें कि 91 हजार से ज्यादा मृतकों के नाम पर बरसों से पेंशन गई और 98 करोड़ से ज्यादा का घोलमोल हुआ है. इनमें 1092 लोग ऐसे हैं, जिनकी मृत्यु के बाद विभाग ने उनकी पेंशन शुरू की. इतना ही नहीं एक ही आधार नंबर पर 25 हजार लोगों को पेंशन देने का भी खुलासा हुआ है.
लाभार्थी दुनिया में नहीं है तो पेंशन किसे मिली?
कैग ने चयनित योजनाओं को अपने ऑडिट में चालीस महीने तक की अवधि के लिए शामिल किया. इस दौरान पता चला कि 91 हजार 436 मृतकों के नाम पर पेंशन जारी की गई है. यह पता चला कि 74 हजार 983 वृद्धावस्था पेंशन योजना के मृतक लाभार्थी थे और उन्हें 81 करोड़ 29 लाख रुपये का भुगतान किया गया था. इसी तरह 12 हजार 900 विधवाओं और निराश्रित महिलाओं को पेंशन दी गई. अब यह विभाग ही बता पाएगा कि लाभार्थी दुनिया में है ही नहीं तो पेंशन किसे मिली.
विकलांग व्यक्ति मृत्यु के बाद भी पेंशन लेते रहे
रिपोर्ट से पता चला कि 3 हजार 553 विकलांग व्यक्तियों ने भी उनकी मृत्यु के बाद भी पेंशन लेना जारी रखा. कैग की ऑडिट रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि राज्य के छह जिलों- अंबाला, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, पंचकूला और यमुनानगर में 25 हजार 861 लोगों की मृत्यु के बाद उनके खातों में पेंशन राशि जमा की गई.
ब्याज सहित वसूली के आदेश
कैग ने 237 करोड़ 31 लाख रुपये की धोखाधड़ी का खुलासा किया है. इतना ही नहीं किसी की पेंशन किसी और के खाते में डाल दी. जैसे ‘राधेश्याम’ की पेंशन बनी और खाते में ‘हरिराम’ के डाल दी. अन्य के नाम पर पेंशन डालने में 54 करोड़ 53 लाख रुपये से अधिक की गड़बड़ी हुई. मामला पकड़ में आने के बाद ब्याज सहित वसूली के आदेश दिए गए. कैथल में ही पांच मामलों में 6 लाख 11 हजार रुपये की वसूली हो पाई.
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