चंडीगढ़ | हरियाणा रोडवेज (Haryana Roadways) कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अब बड़े आंदोलन की तैयारी में जुट गया है. साझा मोर्चा के पदाधिकारियों ने दावा किया कि बुधवार को हड़ताल के दौरान राज्य में 3,200 रोडवेज बसों में से 3,000 बसों का संचालन पूरी तरह से बाधित रहा. इस वजह से लोगों को तमाम दिक्कतों और परेशानियों का सामना करना पड़ा.
अब मोर्चा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि 27 जनवरी को समाज मोर्चा बैठक कर निर्णायक आंदोलन की घोषणा करेगा. उन्होंने कहा कि सरकार की वादाखिलाफी और उच्च अधिकारियों के ढुलमुल रवैये के कारण कर्मचारियों को सड़कों पर उतरना पड़ा है.
ये हैं प्रमुख मांगें
उनकी मुख्य मांगों में हिट एंड रन कानून वापस लेना, कंडक्टरों व क्लर्कों का वेतनमान 35,400 रुपये करना, अर्जित अवकाश में कटौती का पत्र वापस लेना, पुरानी पेंशन व जोखिम भत्ता बहाल करना शामिल है. यूनियन का कहना है कि कई बार आश्वासन दिया गया मगर कोई भी समाधान नहीं निकला.
1992 से 2003 तक के सभी कर्मचारी हो पक्का
ऑनलाइन ट्रांसफर नीति में संशोधन किया जाए. 1992 से 2003 के बीच नियुक्त सभी कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से स्थायी किया जाए. हरियाणा रोजगार कौशल निगम को भंग कर सभी प्रकार के रिक्त पदों पर स्थाई भर्ती की जाए. सभी कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर की जाए.
बेरोजगारों को मिले नौकरी
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार को निजी बसों को रूट परमिट देने का इरादा छोड़कर 10 हजार बसें विभाग में शामिल करनी चाहिए ताकि 60 हजार बेरोजगारों को रोजगार मिल सके. वर्ष 2016 में भर्ती किए गए ड्राइवरों सहित कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए. वर्कशॉप सहित सभी श्रेणियों में रिक्त पदों पर स्थाई भर्ती की जाए.
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