UPSC में हरियाणा का डंका, 29 उम्मीदवार हुए पास; टॉप 10 में आए 2 हरियाणवी

चंडीगढ़ | हरियाणा में UPSC की 29 उम्मीदवारों ने परीक्षा पास की है. कैथल के अनिरुद्ध यादव (8वीं रैंक) और कनिका गोयल (9वीं रैंक) टॉप- 10 में हैं. अनिरुद्ध हरियाणा के पूर्व डीजीपी मनोज यादव के बेटे हैं. टॉप- 100 में 13 युवाओं ने जगह बनाई. इनमें फतेहाबाद के गोरखपुर के अभिनव सिवाच, जुलाना के गुसाई खेड़ा की अंकिता पंवार, रेवाड़ी के तुषार कुमार, झज्जर की मुस्कान डागर, गुरुग्राम के प्रांशु, चरखी दादरी के सुनील फोगाट, सोनीपत की निधि कौशिक, कैथल की दिव्यांशी सिंगला, पानीपत की मुस्कान खुराना, हिसार के प्रतीक व जींद के अंकित नैन शामिल हैं.

Kanika Ans Anirudh

इनके अलावा, महेंद्रगढ़ की दिव्या और अभिरुचि यादव, करनाल के मनस्वी शर्मा, कैथल के मनीष, संध्या और हरदीप, भिवानी के भावेश और राहुल, फरीदाबाद की महिमा कसाना, मेवात के आकिप खान, गुरुग्राम के अनमोल यादव, दीपक यादव और अवधेश जाजोरिया, अंबाला से आकृति, पंचकूला से मयंक मोदगिल और एचसीएस की सेकंड टॉपर रह चुकीं प्रगति रानी शामिल हैं.

कैथल की कनिका की 9वीं रैंक

संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है. इसमें हरियाणा के कैथल के मॉडल टाउन निवासी केएल गोयल की बेटी कनिका गोयल ने यूपीएससी परीक्षा में पूरे देश में 9वां स्थान हासिल कर बड़ी सफलता हासिल की है. माता-पिता की इकलौती संतान कनिका ने अपनी मां नीलम को अपनी प्रेरणा बताया और उनके पिता ने उनका साथ दिया. बतौर आईएएस उनकी प्राथमिकता अमृतकाल में सरकार के लक्ष्यों को हासिल करना होगा.

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यूपीएससी का रिजल्ट आते ही कनिका गोयल के मॉडल टाउन स्थित आवास पर बधाई देने वालों का तांता लग गया. यहां बातचीत में कनिका ने बताया कि उन्होंने डीएवी स्कूल से 10वीं और हिंदू गर्ल्स स्कूल से 12वीं पास की है. इसके बाद, उन्होंने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से बीए किया. उन्होंने साल 2019 में यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी. उनका बचपन से ही सपना था कि वह आईएएस बने.

इसके लिए उनकी मां नीलम ने उन्हें प्रेरित किया. उनकी मां ने कभी घर के काम या किसी और काम के लिए नहीं कहा. उन्होंने एक ही प्रेरणा दी कि मुझे कुछ बनकर दिखाना है. उनके पिता केएल गोयल जमीनी स्तर पर लड़े. वह व्यापारी है.

नतीजे ने अभिनव को किया खुश

फतेहाबाद जिले के भूना प्रखंड के गोरखपुर गांव निवासी अभिनव सिवाच ने यूपीएससी की परीक्षा में देश भर में 12वीं रैंक हासिल की है. 28 साल के अभिनव सिवाच ने इससे पहले साल 2021 में भी यूपीएससी की परीक्षा में 16वीं रैंक हासिल की थी लेकिन उन्हें यूटी कैडर मिला. वर्तमान में वह दिल्ली में प्रशिक्षण के दौरान एसडीएम के पद पर कार्यरत थे. इस दौरान भी उन्होंने दोबारा यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और अपने हरियाणा कैडर में आईएएस बनकर सेवा देने का जज्बा बनाए रखा. अब इस नतीजे ने अभिनव को खुश कर दिया है.

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अभिनव का कहना है कि एसडीएम के पद से संतोष नहीं था. वह अपने राज्य में आईएएस बनकर जनसेवा करना चाहते हैं. इसलिए दोबारा कोशिश की. हालांकि, विश्वास नहीं था कि उन्हें इतनी अच्छी रैंक मिलेगी. 12वीं रैंक आई तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

35 लाख रुपये के पैकेज की छोड़ी नौकरी

अभिनव सिवाच को आईएएस बनने का इतना जुनून था कि साल 2018 में उन्होंने कोलकाता की एक मल्टीनेशनल कंपनी में 35 लाख रुपये के सालाना पैकेज वाली कंसल्टेंट की नौकरी छोड़ दी. उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. नायब तहसीलदार के पद पर वर्ष 2019 में सरकारी नौकरी मिली लेकिन अभिनव का एकमात्र लक्ष्य आईएएस बनना था. इसलिए उन्होंने नायब तहसीलदार के पद पर रहते हुए टोहाना, भूना और हिसार में सेवा की. इसके बाद साल 2020 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी.

पिता गुरुग्राम में एक्साइज एंड टैक्सेशन के हैं डिप्टी कमिश्नर

अभिनव के पिता सतबीर सिवाच फिलहाल गुरुग्राम में डिप्टी कमिश्नर ऑफ एक्साइज एंड टैक्सेशन के पद पर तैनात हैं. उनकी मां सुमनलता गृहिणी हैं. अभिनव बताते हैं कि उन्हें भी आईएएस बनने की प्रेरणा अपने पिता सतबीर सिवाच से मिली. वे बचपन से ही अपने पिता को एक अधिकारी के रूप में सेवा करते देखा करते थे.

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गांव में खुशी का माहौल

ग्राम गोरखपुर में अभिनव सिवाच की उपलब्धि से ग्रामीणों में खुशी का माहौल है. सरपंच मनदीप योगी, ग्रामीण प्रताप सिवाच, रामचंद्र सिवाच, ओमप्रकाश शर्मा, सतपाल पालू, आजाद सिवाच, बलजीत सिंह, राजेंद्र शर्मा, रिछपाल सिवाच, राजकुमार शर्मा ने बताया कि गांव के अभिनव सिवाच ने यूपीएससी परीक्षा में 12वीं रैंक हासिल की है. गांव को गौरवान्वित किया. वह गांव के युवाओं के लिए आदर्श हैं.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दी बधाई

अभ्यर्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देने के साथ ही मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस परीक्षा में उत्तीर्ण सभी अभ्यर्थी पूरी ईमानदारी और निष्ठा से देश की सेवा करेंगे. आशा है कि इन अभ्यर्थियों से प्रेरणा लेकर प्रदेश के अन्य युवा भी निरंतर उच्च लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित होंगे.

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