चंडीगढ़ । हरियाणा को राजस्थान बॉर्डर से लेकर उत्तर प्रदेश से जोड़ने के लिए हाईवे बनकर तैयार हैं. इस नई परियोजना पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा 1020 करोड़ रूपये खर्च किए गए है. बता दें कि हरियाणा बिजली निगम की वजह से वाहन इस हाईवे पर रफ्तार नहीं पकड़ पा रहे है, जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. केंद्र सरकार द्वारा तेजी से हाईवे व एक्सप्रेस-वे का निर्माण करवाया जा रहा है. जिसकी वजह से हरियाणा में भी कई बड़े प्रोजेक्ट बनाए जा रहे हैं.
1020 करोड़ रूपये की लागत से बनाया गया यह हाईवे
जहां एक तरफ केंद्र सरकार तेजी से कार्य कर रही है वही हरियाणा सरकार के कई महकमे इसमें रोड़ा बने हुए हैं. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे के निर्माण में फरीदाबाद अड़चन पैदा किए हुए हैं. सोनीपत के पास नेशनल हाईवे 334 बन गया है, उसके बावजूद भी हरियाणा बिजली निगम की वजह से वह अटका हुआ है. गांव रोहट के पास बाईपास के बीचो-बीच हाईटेंशन पावर ने पूरे प्रोजेक्ट को रोक रखा है. इसके लिए कई बार लिखित तौर पर भी कहा गया, परंतु फिर भी इस टावर को हटाने में दिक्कत पैदा की जा रही है. जिसकी वजह से हाइवे पर आवागमन शुरू नहीं हो पाया है.
वही एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि उन्हे आश्वासन दिया है कि एक महीने के भीतर नया हाईटेंशन टावर लगा दिया जाएगा. गांव रोहाना से झज्जर होते हुए लोहारू के राजस्थान बॉर्डर तक बाईपास का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. वहीं यूपी की सीमा में बागपत से मेरठ तक यह निर्माण कार्य चल रहा है. जैसे ही यह कार्य पूरा होता है हरियाणा से यूपी और राजस्थान जाने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. वही बागवत और मेरठ के लिए हरियाणा के लोग आसानी से सफर कर सकेंगे. एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास फिलहाल बिजली निगम का इंतजार करने के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नहीं है. जैसे ही सड़क से टावर हटते हैं, वैसे ही बाईपास को आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा.
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