चंडीगढ़ । नए साल के पहले महीने में सीएम मनोहर लाल और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा राजनीतिक कार्यक्रमों के जरिए एक दूसरे को चुनौती देते नजर आएंगे. विकास रैलियों के जरिए सीएम मनोहर लाल जहां हर जिले में विकास की नई परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान करेंगे तो वहीं हुड्डा प्रदेश में आमजन की समस्याओं को लेकर मनोहर सरकार को कठघरे में खड़ा करने का काम करेंगे.
करीब एक साल तक चले किसान आंदोलन की वजह से प्रदेश की जनता से दूर रहें सीएम मनोहर लाल अब जिलों में जाकर विकास रैलियों की शुरुआत करेंगे. मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पहली रैली 8 जनवरी को कैथल में तो दूसरी रैली 9 जनवरी को जींद के सफीदों में आयोजित होगी. 15 जनवरी को सोनीपत व 16 जनवरी को हिसार में रैली के जरिए सीएम लोगों से रुबरु होंगे. रोजगार, सुशासन,जल संरक्षण,जन कल्याण जैसी योजनाएं हरियाणा सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल हैं.
वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल की क़िलाबन्दी करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा 23 जनवरी को धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में हरियाणा सरकार से आमजन की समस्याओं को लेकर जवाब मांगते नजर आएंगे. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साल 2022 के लिए जिस तरह विकास का एजेंडा तय किया है, उसी तरह विपक्ष खासकर हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र ने सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के रणनीतिकारों ने पहले चरण में रैलियों के उन जिलों को चुना है जहां पर विपक्ष खासकर भुपेंद्र हुड्डा का विशेष दबदबा है. इससे पहले भुपेंद्र हुड्डा अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा व पार्टी के विधायकों के साथ तीन जिलों करनाल, जींद और नूंह में विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रमों के जरिए हरियाणा सरकार को घेरने का प्रयास कर चुके हैं. इन कार्यक्रमों के जरिए हुड्डा न केवल अपनी टीम को मजबूत कर रहे हैं बल्कि कांग्रेस हाईकमान को भी अपनी ताकत दिखा रहे हैं. इसके साथ ही वह लोगों की समस्याओं को लेकर सरकार से सवाल करते हुए अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत कर रहे हैं.
राजनीतिक रुप से इसलिए हंगामेदार रहेगा नया साल
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जिला स्तरीय रैलियों के लिए विशेष तौर पर ऐसी जगहों का चयन किया गया है जहां हुड्डा समेत तमाम कांग्रेसियों को उन्हीं के अंदाज में जवाब दिया जा सकें. मुख्यमंत्री मनोहर लाल इन रैलियों के जरिए संदेश देना चाहते हैं कि उनके लिए पूरा हरियाणा एक समान है. उनके लिए प्रदेश का विकास करना सबसे पहली प्राथमिकता है. इस राजनीतिक टकराव के लिए न केवल मनोहर और हुड्डा पूरी तरह से तैयार है बल्कि हरियाणा सरकार में सहयोगी पार्टी जेजेपी की ओर से प्रदेश के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने भी फील्ड में उतरने की रणनीति तैयार कर ली है.
इनेलो महासचिव अभय चौटाला की अपनी पार्टी के ग्राफ को उपर उठाने के लिए लगातार लोगों के बीच जा रहें हैं. इन तमाम स्थितियों के चलते नया साल राजनीतिक रूप से काफी गरम रहने वाला है. प्रदेश की जनता मनोहर लाल के विकास कार्यों को तवज्जो देगी या फिर हुड्डा की बातों पर विश्वास रहेगा, ये तो आने वाला समय ही बताएगा.
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