चंडीगढ़ । हरियाणा सरकार द्वारा इस बार बजट में वृद्धावस्था पेंशन एक साथ ₹850 प्रति माह बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है. अगर सब कुछ सही होता है तो वृद्धावस्था, दिव्यांग और विधवा पेंशन 2250 रुपए से बढ़कर ₹3100 कर दी जाएगी. उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला ने भी मुख्यमंत्री के साथ इस बात पर सहमति बना ली. बता दें कि इससे पहले अधिकारियों ने खाका तैयार किया है
आगामी पंचायत चुनावों को देखते हुए पेंशन बढ़ाने का फैसला
आगामी पंचायत चुनावों के मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार ने पेंशन में बड़ी बढ़ोतरी करने का फैसला लिया जा सकता है. राज्य में भाजपा- जजपा गठबंधन की सरकार है. जजपा द्वारा अपने चुनावी घोषणापत्र में पेंशन 5100 रूपये प्रतिमाह देने का वादा किया गया था. बता दें कि इसी वादे के अनुसार पिछले साल पेंशन में ₹250 की बढ़ोतरी हो चुकी है. चुनावी वायदे के मुताबिक 5100 प्रति माह की पेंशन 5 सालों के कार्यकाल में देनी है. पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल ने 1987 में न्याय युद्ध के बाद जब राज्य में सरकार बनाई गई, तो उन्होंने 65 साल से ऊपर के बुजुर्गों के लिए ₹100 मासिक पेंशन शुरू की थी.
जानिए कैसे चौधरी देवी लाल बने थे जननायक
17 जून 1987 को पहली बार 65 साल के ऊपर की उम्र के बुजुर्गों को ₹100 मासिक पेंशन दी गई थी. इसके बाद कांग्रेस शासन में 65 साल की उम्र को घटाकर 60 वर्ष कर दिया गया. नवंबर 1999 में पेंशन को ₹200 प्रतिमाह कर दिया गया. ऐसे ही बढ़ते- बढ़ते यह पेंशन 2017 में 1800 रुपए तक पहुंच गई. अभी फिलहाल राज्य में पेंशन ₹2250 दी जाती है. देवीलाल के पेंशन निर्णय ने उन्हें जननायक बना दिया. चौधरी देवीलाल के नाम पर ही जननायक जनता पार्टी ने 5100 रुपए पेंशन करने का वादा किया था. राज्य में तकरीबन 3000 करोड़ का पेंशन बजट है.
पेंशन धारियों की संख्या 16 लाख से ज्यादा है. इस बढ़ी हुई राशि के तहत अब सरकार को करीब साडे ₹3000 करोड़ के बजट का प्रावधान करना होगा. जजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में पेंशन लाभार्थियों की उम्र भी घटाने का वादा किया था, मगर अभी तक गठबंधन सरकार में इस फैसले को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है.
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