चंडीगढ़ । हाई कोर्ट के जुलाई माह में जारी स्टे आदेशों को देखते हुए शिक्षा विभाग ने अपने ही आदेशों पर कैंची चला दी है. साथ ही 10 मार्च को जारी उस फरमान पर रोक लगाती है, जिसमें हरियाणा शिक्षा विभाग ने बिना एसएलसी वाले विद्यार्थियों के एमआईएम पर ऑनलाइन नामांकन और पत्र जारी एसआरएन का उपयोग करते हुए आगामी कार्यवाही करने की बात कही थी.
मगर अब निदेशालय द्वारा नए सिरे से पत्र जारी किया है, जिसके मुताबिक बिना एसएलसी सरकारी स्कूलों में बच्चों का दाखिला नहीं होगा. लिहाजा ऐसे में निदेशालय के इस फरमान से उन लाखों बच्चों का भविष्य जरूर अधर में लटक जायेगा जिन्होंने बिना एसएलसी सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया है क्योंकि हाइकोर्ट शिक्षा विभाग द्वारा 10 मार्च को जारी पत्र पर स्टे लगा चुका है.
निदेशालय ने लिया फैसला
शिक्षा विभाग द्वारा स्टे के बावजूद सरकारी स्कूलों में बिना एसएलसी बच्चों का दाखिला करने को लेकर अवमानना याचिका दायर की गई थी. जिसे देखते हुए निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, मौलिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारियों व स्कूल मुखियाओं को पत्र जारी कर दिया कि हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना अनुसार 10 मार्च को जारी पत्र पर रोक लगा दी गई है.
ऐसे में सभी अधिकारियों से आग्रह किया जाता है कि वे इसके मुताबिक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें. अन्यथा इसे हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना समझा जाएगा यानी कुल मिलाकर अब अगर किसी भी सरकारी स्कूल में बिना एसएलसी बच्चों का दाखिला किया तो उसे हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना समझा जाएगा.
दरअसल शिक्षा विभाग द्वारा जारी 10 मार्च के पत्र का मामला हाईकोर्ट पहुँच चुका है. तो उसे लेकर दैनिक सवेरा ने 24 जून को अधिकारियों से बातचीत के साथ समाचार प्रकाशित किया था. जिसमें बताया था कि बिना एसएलसी सरकारी स्कूलों में बच्चों का दाखिला नहीं किया जा सकता. जिसपर विभागीय अधिकारियों ने बच्चों के भविष्य को देखते हुए अस्थाई दाखिला करने की बात कही थी. लिहाजा अब इस बात पर मंथन चल रहा है कि शैक्षणिक सत्र में जिन बच्चों का बिना एसएलसी दाखिल किया गया है उनका क्या होगा?
बच्चों का भविष्य बचाए सरकार
सरकार ने पत्र जारी करके बिना एसएलसी बच्चों के दाखिले की छूट स्कूलों को दी थी. जिसके बाद अध्यापकों ने कड़ी मेहनत करके लाखों बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में किया. हाईकोर्ट के स्टे आदेशों के बाद अब सरकार ने अपने पत्र पर रोक लगा दिया है. ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए आगे आए- अजीत चंदेलिया (राज्य प्रेस सचिव)
हाई कोर्ट ने लगाया था स्टे
निदेशालय द्वारा 10 मार्च को जारी पत्र पर हाईकोर्ट ने 5 जुलाई को स्टे लगाया था. बावजूद इसके सरकारी स्कूलों में बिना एसएलसी दाखिले होते रहे जिस पर निशा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ कुलभूषण शर्मा ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका नम्बर 1465/21 दायर की थी. जिसकी 31 अगस्त को सुनवाई होनी है और उस दौरान निदेशालय द्वारा अपना जवाब दाखिल किया जाना है. मगर उससे पहले ही निदेशालय ने 27 अगस्त को जारी करके बिना एसएलसी दाखिल करने पर रोक लगा दी है- पंकज सैनी (वरिष्ठ अधिवक्ता हाई कोर्ट)
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!