चंडीगढ़ | हरियाणा में अब किसानों को बुआई से पहले फसल अवशेष काटने की झंझट से राहत मिल जाएगी. इसे जलाने में अब किसी प्रकार का पर्यावरण प्रदूषण भी नहीं फैल सकता है. यह भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल में विकसित तकनीक से संभव हो सकेगा. संस्थान के वैज्ञानिकों (Sciencetist) ने एक ऐसी मशीन विकसित की है, जिससे फसल अवशेष के साथ- साथ बुआई भी संभव हो गई है. इस मशीन का नाम रोटरी डिस्क ड्रिल है, जिससे किसान अपने खेतों में फसल अवशेष छोड़ सकते हैं और बुआई में कोई दिक्कत नहीं होगी.
किसान को खेत से फसल अवशेष हटाने की जरुरत नहीं!
किसानों को बुआई से पहले फसल के अवशेषों को खेत से हटाना पड़ता था क्योंकि खेत की जुताई करते समय फसल के अवशेष बाधा बनते हैं. साथ ही, बीज अंकुरित नहीं होता है. किसानों की मजबूरी फसल अवशेषों को पूरी तरह से हटाना है. इसीलिए कुछ किसान फसल अवशेषों में आग लगा देते हैं, जिससे प्रदूषण होता है. अब नई तकनीक रोटरी डिस्क ड्रिल मशीन से यह समस्या नहीं होगी.
साथ ही फसल की बुआई भी करती है यह मशीन
इस मशीन की खासियत यह है कि इसका डिस्क ब्लेड खेत में लगभग दो से तीन इंच चौड़ा चीरा ही बनाता है, जिससे फसल के अवशेष हटाने की जरूरत नहीं पड़ती. मशीन इस दरार को बनाने के साथ ही इसमें बीज और खाद डालकर बुआई पूरी कर देती है. इसके साथ ही, यह फसल खेत की मिट्टी में मिल जाने वाले अवशेषों को भी काटकर आगे बढ़ती है. इस मशीन से मूंग, मक्का, गेहूं, धान और गन्ने की फसल बोई जा सकती है.
पेटेंट आवेदन, व्यावसायिक उपयोग की तैयारी
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान ने रोटरी डिस्क ड्रिल के पेटेंट के लिए आवेदन किया है. जल्द ही, यह भी प्राप्त हो जायेगा. इसके व्यावसायिक उपयोग की तैयारी की जा रही है ताकि किसानों को रोटरी डिस्क ड्रिल मशीन का लाभ उपलब्ध कराया जा सके.
मशीन हल्की है, कम हॉर्स पावर का ट्रैक्टर लगेगा
रोटरी डिस्क ड्रिल का वजन हैप्पी सीडर या रोटावेटर की तुलना में बहुत कम होता है. हल्की मशीन होने के कारण इसे कम हॉर्स पावर वाले ट्रैक्टरों से जोड़ा जा सकता है. इसके लिए 30 से 35 हॉर्स पावर के ट्रैक्टर की जरूरत होती है जबकि हैप्पी सीटर या रोटावेटर में 60 हॉर्स पावर के ट्रैक्टर की जरूरत होती है.
फसल अवशेष खेत में छोड़ने के फायदे
- खरपतवार नहीं होगा.
- पानी की आवश्यकता कम होगी.
- मिट्टी में मिल जाने के बाद भी पोषक तत्व बने रहेंगे.
- बायोमास बढ़ेगा.
- फसल अवशेष प्रबंधन होगा.
ब्लेड अपने आप तेज हो जाते हैं, कीमत 1.5 लाख रुपये
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!रोटरी डिस्क ड्रिल के ब्लेड ऑटो शार्प होते हैं. इन्हें अलग से तेज़ करने की ज़रूरत नहीं है. इसकी कीमत करीब डेढ़ लाख रुपये रखी गई है. यह अपनी तरह की पहली मशीन है. इसके पेटेंट के लिए आवेदन किया जा चुका है और व्यावसायिक उपयोग के लिए जल्द ही एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे- डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह, निदेशक, भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल