चंडीगढ़ | हरियाणा सिविल सर्विसिस (HCS) एग्जीक्यूटिव ब्रांच के परीक्षा परिणाम को चुनौती देने पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने साफ कर दिया कि भर्ती हाई कोर्ट के अंतिम फैसले पर निर्भर होगी. सुनवाई के दौरान बताया गया कि 9 फरवरी 2023 के विज्ञापन में 39 कैरी फारवर्ड पद भी शामिल हैं जो पिछले आवेदन से लिए गए हैं. हाई कोर्ट ने इस पर कहा कि यह सभी इस याचिका के निर्णय पर निर्भर होंगे.
केवल 61 उम्मीदवार बुलाये गए
हाई कोर्ट ने साथ ही आयोग को परीक्षा परिणाम उम्मीदवारों की जानकारी के साथ अपलोड करने के लिए निर्देशित किया है. पंचकूला के रहने वाले एक उम्मीदवार की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि आवेदन के क्लॉज 9 सी के तहत कुल पदों से 3 गुणा उम्मीदवार मौखिक परीक्षा अथवा इंटरव्यू के लिए बुलाए जाने चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा. 100 पदों के लिए केवल 61 उम्मीदवारों को मौखिक परीक्षा के लिए बुलाया गया है. ऐसे में याचिका के विचाराधीन रहते मौखिक परीक्षा पर रोक लगाई जाए.
याची को बताया परीक्षा में सफल
याचिका में कहा गया कि हरियाणा लोक सेवा आयोग ने 9 फरवरी 2023 को विज्ञापन जारी कर एचसीएस (एग्जीक्यूटिव ब्रांच) व अन्य संबंधित सेवाओं के लिए अलग अलग कैटेगिरी में 95 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे. इसके बाद, 7 मार्च को कोरिजेंडम जारी कर पदों की संख्या 95 से बढ़ाकर 100 कर दी गई. 21 मई को परीक्षा हुई और 9 जून को आयोग ने रिजल्ट घोषित कर दिया. याची को परीक्षा में सफल बताया गया. परीक्षा परिणाम को हाई कोर्ट में अलग- अलग याचिकाएं दायर कर चुनौती देकर कहा गया कि कई सवाल रिपीट थे और उनमें कई कमियाँ थी.
आपत्तियों पर होगा विचार
हरियाणा के एडवोकेट जनरल ने कोर्ट में कहा कि खामियों को दूर कर याचियों की आपत्तियों पर विचार होगा. इसके बाद, 14 जुलाई 2023 को फिर से परीक्षा परिणाम जारी किया गया, जिसमें उसे सफल बताया गया. इसके बाद, 12 व 13 अगस्त को एचसीएस की मुख्य परीक्षा हुई. इसके बाद 25 सितंबर को इसका रिजल्ट जारी हुआ. याचिका में बताया गया कि 1200 उम्मीदवार मुख्य परीक्षा में शामिल हुए थे. इनमें से 100 पदों के लिए केवल 61 उम्मीदवारों को 9 अक्टूबर से होने जा रही पर्सनेलिटी टेस्ट अथवा मौखिक परीक्षा के लिए आमंत्रित किया गया.
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