चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार में ग्रुप A और B पदों पर अनुसूचित जाति से संबंधित अफसरों को प्रमोशन में आरक्षण पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab & Haryana Court) की तरफ से रोक लगा दी गई है. कमलजीत सिंह एवं अन्य बनाम हरियाणा एवं अन्य अपील केस पर सुनवाई करते हुए एक्टिंग चीफ जस्टिस रितू बाहरी और जस्टिस अमन चौधरी की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार के उस आदेश के मुताबिक भविष्य में पदोन्नति करने पर रोक लगा दी है, जिस आदेश के तहत रिजर्वेशन इन प्रमोशन लागू किया गया था.
अंतिम निर्णय अभी लंबित
अपीलकर्ताओं की तरफ से इस पॉलिसी को चुनौती दी गई थी. सिंगल बेंच की तरफ से अंतरिम आदेश में प्रदेश सरकार को प्रमोशन करते रहने की आज्ञा दे दी थी लेकिन फाइनल फैसला अभी लंबित है. सिंगल बेंच के अंतरिम आदेश पर कमलजीत और अन्य की तरफ से अपील दायर की गई थी. खंडपीठ ने पिछली 15 जनवरी को सुनवाई करते हुए लिखा, ‘राज्य सरकार के वकील ने आग्रह किया है कि इस अदालत को असिस्ट करने के लिए एक और मौका दिया जाए.
7 फरवरी 2024 तक सुनवाई स्थगित
जैसा कि आग्रह किया गया है कि सुनवाई 07 फ़रवरी 2024 तक स्थगित की जाती है. इस बीच कोई प्रमोशन नहीं किया जाएगा. हरियाणा सरकार की तरफ से जवाब देने के लिए बार- बार समय की मांग की जा रही थी. खंडपीठ ने गत 13 दिसंबर को जारी अंतरिम आदेश में लिखा था, ‘हरियाणा के एडवोकेट जनरल हमें असिस्ट करेंगे कि क्या ग्रुप ए और बी में एक आरक्षित उम्मीदवार को प्रमोशन का लाभ दिया जा सकता है, जब वह सरकारी सर्विस में प्रवेश करता है, एक उम्मीदवार को कैसे प्रमोशन का लाभ दिया जा सकता है, जो पहले ही दो प्रमोशन आरक्षित उम्मीदवार के नाते ले चुका है और अगर एक उम्मीदवार ने दो प्रमोशन नहीं ली हैं, उसका केस ग्रुप बी पोस्ट के लिए कंसीडर किया जा सकता है.
यह सुनवाई सुनवाई 20.12.2023 के लिए स्थगित की जाती है. फिर 20 दिसंबर को एडवोकेट जनरल के आग्रह पर सुनवाई स्थगित हुई और 15 जनवरी, 2024 तय हुई. अब 15 जनवरी 2024 को सुनवाई के समय राज्य सरकार के वकील ने फिर समय मांग लिया. इसी बीच प्रमोशन पर हाईकोर्ट की तरफ से रोक लगा दी गई.
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