चंडीगढ़ | हरियाणा में अधिकारियों और कर्मियों की कमी है. खाली पड़े पदों की वजह से कानून व्यवस्था प्रभावित हो रही है. कानून व्यवस्था प्रभावित होने व इस पर हाई कोर्ट द्वारा लिए गए संज्ञान पर कोर्ट ने सभी पक्षों को 6 नवम्बर तक इस मामले में पक्ष रखने का आदेश जारी किया है. कोर्ट ने सभी पक्षों से पूछा है कि वो बताए कि उनके यहां कितने पद रिक्त पड़े हैं और इन पदों को भरे जाने के लिए सरकार क्या कार्रवाई कर रही है.
हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लिए संज्ञान पर सुनवाई करते हुए पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को नोटिस जारी कर इस बारे में जानकारी की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2019 में एक जनहित याचिका का निपटारा करते हुए देश के सभी हाई कोर्ट को इस मामले में संज्ञान लेकर संबंधित सरकारों से यह जानकारी मांगे जाने के आदेश जारी किये थे.
कानून व्यवस्था पर पड़ता है प्रभाव
सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाई कोर्ट से यह आग्रह किया था कि वह इस मामले में खुद संज्ञान लेते हुए इस विषय को जनहित याचिका के तौर पर सुनें. साथ ही, राज्य सरकारों से उनके प्रदेश की पुलिस में अधिकारियों और कर्मियों के रिक्त पड़े पदों के बारे में जानकारी प्राप्त करें.उनसे पूछें कि इन खाली पड़े पदों पर भर्ती के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है. पुलिस बलों में कर्मियों के खाली पड़े पदों का प्रभाव सीधे तौर पर राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति पर होता है.
सुप्रीम कोर्ट ने किया था याचिका का निपटारा
कर्मियों की कमी की वजह से कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होती जा रही है. सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर वर्ष 2013 में यह याचिका दायर की गई थी. इस याचिका का सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2019 में निपटारा कर दिया था, लेकिन देश के अन्य राज्यों की पुलिस के बारे में संबंधित हाई कोर्ट को संज्ञान लेकर जनहित याचिका के तौर पर सुने जाने के आदेश जारी किये थे.
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