चंडीगढ़ | हरियाणा के कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छोकर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में झटका लगा है. पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कांग्रेस विधायक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह इस रियायत के हकदार नहीं है. जानकारी देते हुए जस्टिस विकास बहल ने बताया कि अदालत द्वारा याचिका कर्ता की दलीलों और उसके खिलाफ प्रस्तुत पहलुओं पर विचार किया गया कि यह मानने के लिए उचित आधार है कि वह अपराध का दोषी नहीं है. जमानत पर रहते हुए उसके द्वारा कोई ऐसा अपराध करने की संभावना भी नहीं है.
यह था मामला
अभियोजन पक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार छोड़कर परिवार के पास साईं आइना फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड (SAFPL) का नियंत्रण था. जिसके तहत, गुरुग्राम सेक्टर 68 में किफायती समूह आवास परियोजना के तहत फ्लैट बनाने की परियोजना की शुरुआत की गई थी. 1,500 घर खरीदारों से 360 करोड रुपए भी ले लिए गए. निर्माण कार्य धीमा होने के कारण डेडलाइन खत्म हो गई.
10 महीने पहले ED ने की थी रेड
समालखा से विधायक छोकर के पानीपत और गुरुग्राम डीएलएफ फेज़ वन स्थित घर पर 10 महीने पहले ED की टीम द्वारा रेड की गई थी. माहिरा होम्स कंपनी भी धर्म सिंह छोकर की है. काफी लोगों ने माहिरा होम्स अफॉर्डेबल फ्लैट्स में इन्वेस्ट किया था, लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी उन्हें अभी तक फ्लर्ट नहीं मिल पाए हैं. इसका लगातार विरोध भी किया जा रहा है. इस मामले में गुरुग्राम पुलिस द्वारा विधायक के बेटे पर मुकदमा दर्ज किया गया था.
वहीं, एक महीने पहले ही ED द्वारा धर्म सिंह छोकर के बेटे सिकंदर सिंह को उत्तराखंड के हरिद्वार से गिरफ्तार किया जा चुका है. सिकंदर को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया गया. धर्म सिंह छोकर, उनके बेटे सिकंदर सिंह और विकास छोकर माहिरा रियल एस्टेट समूह के मालिक और प्रवर्तक हैं.
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