चंडीगढ़ | हरियाणा हाई कोर्ट ने गैंगस्टर कौशल की याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ के डीजीपी को आदेश दिया था कि पुलिस स्टेशन का कोई भी हिस्सा सीसीटीवी कैमरे की पहुंच के बाहर नहीं होना चाहिए. कोर्ट ने कहा था कि चाहे कोई जघन्य अपराध का दोषी क्यों न हो, उससे अमानवीय व्यवहार की अनुमति नहीं दी जा सकती.
ये है पूरा मामला
हाई कोर्ट के इस आदेश पर चंडीगढ़ व हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में जानकारी दी कि उनके सभी पुलिस स्टेशन सीसीटीवी की पहुंच में आ चुके हैं. पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि पंजाब में सीसीटीवी कैमरे इंस्टाल करने का काम जारी है और इसे जल्दी ही पूरा कर लिया जाएगा. कोर्ट ने इस पर पंजाब सरकार को 21 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का आदेश दिया.
कुख्यात गैंगस्टर कौशल ने याचिका दाखिल कर बताया था कि उसके खिलाफ बड़ी संख्या में मामले दर्ज हैं. सिर्फ हरियाणा में उसके खिलाफ 38 आपराधिक मामले दर्ज हैं. वह इस समय संगरूर की जेल में बंद है और उसे आशंका है कि अन्य मामलों में पूछताछ के लिए लेकर जाते वक्त उसका एनकाउंटर किया जा सकता है.
इस मामले में हाई कोर्ट ने हरियाणा व पंजाब दोनों के डीजीपी से जवाब मांगा था. पंजाब के डीजीपी ने आरोपों से इन्कार किया और बताया कि याची ने ऐसी कोई शिकायत पहले नहीं की थी. हाई कोर्ट ने सुनवाई पर सभी पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी कैमरों को लेकर तथा जांच के दौरान वीडियोग्राफी पर जवाब मांगा था.
हरियाणा सरकार ने दिया ये जवाब
हरियाणा सरकार ने कहा कि सीसीटीवी कैमरे मौजूद हैं लेकिन सीआरपीसी में जांच की वीडियोग्राफी का कोई प्रावधान नहीं है. हाई कोर्ट ने डीजीपी के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि प्रवेश, निकास, लाकअप, बरामदा, रिसेप्शन, आफिसर का कमरा सभी सीसीटीवी की निगरानी में होने चाहिए.
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