चंडीगढ़ | पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा की नवनिर्वाचित बीजेपी सरकार को बड़ी राहत प्रदान की है. मुख्यमंत्री नायब सैनी के करनाल उपचुनाव को चुनौती देने वाली याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. इस फैसले से उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है.
हालांकि, यह फैसला एक JJP नेता की याचिका पर आया है जबकि एक याचिका पर दोपहर बाद सुनवाई होगी. इस सीट पर उपचुनाव को लेकर हाईकोर्ट ने कल दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. 25 मई को करनाल विधानसभा सीट पर वोटिंग होनी है.
मुंबई हाईकोर्ट के फैसले को बनाया आधार
बता दें कि करनाल उपचुनाव को लेकर एक जनहित याचिका दायर कर हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल एक साल से कम होने की दलील देते हुए चुनाव रद्द करने की मांग की गई थी. इस याचिका में बीते दिनों आए महाराष्ट्र के “अकोला उपचुनाव” को रद्द करने के मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर बेंच के फैसले को आधार बनाया गया था. बता दें कि वहां पर भी विधानसभा कार्यकाल एक वर्ष से कम होने के चलते उपचुनाव रद्द करने का आदेश जारी किया गया है.
याचिकाकर्ता ने बताया था कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151A के अनुसार यदि विधानसभा का कार्यकाल 1 साल से कम है, तो चुनाव आयोग के पास उपचुनाव कराने का अधिकार नहीं होता है. उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151A की व्याख्या बहुत सरल और स्पष्ट है और इसमें कोई अस्पष्टता नहीं है.
मामला मुख्यमंत्री से जुड़ा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया था कि यदि मामला केवल एक विधानसभा सीट का होता तो उपचुनाव रोका जा सकता था, लेकिन यहां मामला मुख्यमंत्री से जुड़ा हुआ है. जिन्हें 6 महीने के भीतर चुनाव जीतना अनिवार्य है. ऐसे में चुनाव आयोग को उपचुनाव करवाने का अधिकार है. 1986 में भिवानी जिले की तोशाम विधानसभा सीट पर ऐसे ही उपचुनाव कराया गया था.
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