चंडीगढ़ | साध्वियों से यौन शौषण और पत्रकार मर्डर केस में रोहतक की सुनारियां जेल में सजा भुगत रहे डेरा प्रमुख राम रहीम के असली या नकली होने को लेकर हरियाणा में एक अलग ही तरह की चर्चा हो रही है. इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया है कि पैरोल पर जेल से रिहा हुए डेरा प्रमुख के हावभाव असली राम रहीम जैसे नहीं हैं. इसको लेकर सरकार से जांच की मांग की गई है. अब इस मामले को लेकर सोमवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है.
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चंडीगढ़ निवासी अशोक कुमार और एक दर्जन के करीब डेरे के श्रद्धालुओं द्वारा दायर की गई इस अजीबोगरीब याचिका में आरोप लगाया गया है कि रोहतक की सुनारियां जेल में बंद राम रहीम असली राम रहीम नही है. डेरे की गद्दी हासिल करने के लिए असली राम रहीम को अगवा कर मार दिया गया है. हाईकोर्ट में दायर इस याचिका में हरियाणा सरकार, हनीप्रीत व सिरसा डेरा प्रशासक पीआर नैन को प्रतिवादी बनाया गया है.
याचिकाकर्ता के अनुसार उन्हें सूत्रों से जानकारी मिली है कि असली राम रहीम को राजस्थान के उदयपुर से अगवा कर लिया गया था. याचिका के मुताबिक पैरोल अवधि के दौरान कथित डेरा प्रमुख या डमी व्यक्ति का वीडियो और तस्वीरों को देखकर स्पष्ट रूप से पता चलता है कि उसके चेहरे और हाथों में मेकओवर या मास्किंग थी, जो वीडियो से वीडियो में बदल गई. अब इस याचिका पर सोमवार को जस्टिस करमजीत सिंह सुनवाई करेंगे.
यूपी के बागपत आश्रम में रह रहा है डेरा प्रमुख
बता दें कि पिछले महीने ही डेरा प्रमुख राम रहीम को एक महीने की पैरोल पर जेल से रिहा किया गया था. पैरोल पर रिहा होने के बाद डेरा प्रमुख रोहतक से सीधे यूपी के बागपत में स्थित अपने डेरे में छुट्टियां बिता रहा है. डेरा प्रमुख ने लाइव आकर श्रद्धालुओं से डेरे पर ना आने की अपील की थी.
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