PGT के 1600 पदों की चयन प्रक्रिया पर HC ने लगाई रोक, शैक्षणिक योग्यता में खामियों को देखते हुए लिया गया फैसला

चंडीगढ़ | हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) की तरफ सर पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स (PGT) के सिलेक्शन के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता में कुछ कमियों को देखते हुए पंजाब एवम हरियाणा हाई कोर्ट ने कल आयोग को चयन प्रक्रिया आयोजित करने पर रोक लगा दी. इसके साथ ही, पीजीटी (कंप्यूटर साइंस) के लगभग 1,600 पदों पर चयन प्रक्रिया थम गई है.

Punjab and Haryana High Court

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में बताया कि राज्य मानता है कि उसके नियमों और परिणामी विज्ञापन में निर्धारित न्यूनतम योग्यताएं राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) की तरफ से तय न्यूनतम योग्यताओं से अलग हैं.

दीपक सिब्बल और जस्टिस सुखविंदर कौर की खंडपीठ ने दिए आदेश

चयन के साथ आगे बढ़ने के लिए उसे परिषद की स्वीकृति की जरूरत है. यह सब देखते हुए हम यह निर्देश देना सही मानते हैं कि राज्य को पीजीटी (कंप्यूटर विज्ञान) के पद पर नियुक्तियों के लिए परीक्षा आयोजित करने से रोका जाए. हाई कोर्ट के जस्टिस दीपक सिब्बल और जस्टिस सुखविंदर कौर की खंडपीठ ने राजेश कुमार और अन्य की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश जारी किये. याचिकाकर्ताओं ने पीजीटी (कंप्यूटर साइंस) की नियुक्ति के लिए हरियाणा राज्य शिक्षा स्कूल कैडर (ग्रुप- बी) सेवा नियम 2012 में निर्धारित शैक्षणिक योग्यता को चुनौती दी थी.

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NCTE द्वारा निर्धारित योग्यता एचपीएससी विज्ञापन से भिन्न

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि पीजीटी (कंप्यूटर साइंस) की नियुक्ति के लिए एनसीटीई की तरफ से न्यूनतम योग्यता संबंधित विषय में कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातकोत्तर व बीएड तय की गई है. पर एचपीएससी विज्ञापन में, निर्धारित पीजीटी (कंप्यूटर विज्ञान) की नियुक्ति के लिए योग्यता केवल कंप्यूटर विज्ञान में एमएससी (नियमित दो वर्षीय पाठ्यक्रम)/ एमसीए (नियमित तीन वर्षीय पाठ्यक्रम) किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से 55 प्रतिशत अंकों के साथ बी टेक कंप्यूटर साइंस / कंप्यूटर इंजीनियरिंग / आईटी (नियमित पाठ्यक्रम)  निर्धारित की गई है.

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12 सितंबर को परिषद को लिखा गया पत्र

याचिकाकर्ताओं द्वारा दलील दी गई थी कि आक्षेपित योग्यताएं परिषद द्वारा निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता से अलग हैं और परिषद द्वारा निर्धारित न्यूनतम योग्यता राज्य के लिए बाध्यकारी है. याचिका के जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि 12 सितंबर को परिषद को एक पत्र लिखा गया है, जिसके माध्यम से बीएड के आग्रह के बिना विचाराधीन चयन को आगे बढ़ाने के लिए परिषद से छूट की मांग की गई है. खंडपीठ ने चयन प्रक्रिया को रोकते हुए एनसीटीई को कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है.

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