पंचकूला | कुछ वक्त पहले हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) की तरफ से 100 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे. इन पदों के लिए 1,48,262 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया. 23 मई को परीक्षा आयोजित की गई जिसमें 40,000 से ज्यादा उम्मीदवारों ने परीक्षा दी. परीक्षा होने के बाद अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि सीसैट के एग्जाम में 38 सवाल पहले के पेपर से दोहराए गए है. ऐसे में अभ्यर्थियों ने एचपीएससी को शिकायतें भेजी और हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
दो फार्मूले लगाने से विवादों में आई HPSC
हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) की तरफ से बनाए गए फार्मूले अभ्यर्थियों को काफी परेशान कर रहे हैं. भर्ती प्रक्रिया के बीच में नए क्राइटेरिया और नए नियमों के कारण निरंतर भर्तियां अटकी हुई है. अब इसी कड़ी में 100 पदों पर भर्ती वाली एचसीएस की परीक्षा भी इन्हीं में जुड़ चुकी है. एक परीक्षा का रिजल्ट घोषित करने में दो फार्मूले लगाने से विवादों में आए एचपीएससी ने अब एक ही फार्मूले मैं संशोधन करके रिजल्ट घोषित किया है. ऐसे में पहले से पास 45 अभ्यर्थी बाहर हो चुके हैं जबकि दिव्यांगता कोटा लागू होने से कुछ नए अभ्यर्थियों को पास होने का अवसर प्राप्त हुआ है.
पुराने प्रश्न आना सामान्य प्रक्रिया: आयोग
पहले पास और अब परीक्षा में फेल हुए 45 अभ्यर्थियों ने भी हाईकोर्ट का सहारा लेने का विचार बना लिया है. जब प्रारंभिक परीक्षा को लेकर विवाद खड़ा हुआ था कि परीक्षा में एक जैसे 38 सवाल आए हैं, अभ्यर्थियों ने एचपीएससी को शिकायत भेजी थी. उस समय आयोग ने तर्क दिया था कि पुराने प्रश्न आना सामान्य प्रक्रिया है. इसमें आयोग की कोई त्रुटि नहीं है. बाद में अभ्यर्थी हाईकोर्ट गए तो आयोग ने दो तरीके से परिणाम जारी करने की बात कही. एक 38 सवालों को हटाकर और दूसरा 38 पुराने सवालों को जोड़कर.
इस पर परीक्षा में फेल हुए अभ्यर्थी हाईकोर्ट चले गए और अब एचपीएससी ने एक ही फार्मूले से संशोधित परिणाम घोषित किया है. सामाजिक कार्यकर्ता श्वेता दुल ने कहा कि एचपीएससी की कार्यप्रणाली से लगातार भर्तियां बीच अधर लटक रही है. सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए.
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