चंडीगढ़ | हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) की तरफ से पारदर्शिता के लिए एक ओर कदम बढ़ाया गया है. अब इंटरव्यू के अंक देने के लिए नया सिस्टम तैयार किया गया है. इंटरव्यू बोर्ड के सदस्य अपने- अपने अंक सीधे लैपटाप पर रिकॉर्ड करेंगे. आयोग के चेयरमैन आलोक वर्मा के निर्देशानुसार आयोग में यह नया सिस्टम बनाया गया है. कोई भी दूसरा सदस्य यह अंक नहीं देख पाएगा. अंक एनक्रिप्टड में होंगे और ये तभी अंकों में बदलेंगे जब इन्हें डिक्रिप्टड किया जाएगा. इंटरव्यू बोर्ड के सदस्य पहले की तरह अपने अपने अंक हार्ड कापी में भी लिखेंगे, उस पर सिग्नेचर करेंगे और सीलबंद कर देंगे.
जल्द तैयार होगा परिणाम
इस नए सिस्टम से आयोग का परिणाम शीघ्र तैयार हो पायेगा तथा इसमें गोपनीयता के साथ- साथ कोई भी इंटरव्यू में किसी भी उम्मीदवार के अंक बदल नहीं पायेगा. हालांकि, बदलने का स्कोप तो पहले भी ख़त्म हो चुका था लेकिन अब यह फिजिकल के साथ- साथ डिजिटल फॉर्म में भी दर्ज व सेफ होगा. यह सिस्टम ADA के इंटरव्यू से 13 दिसंबर से शुरू किया गया है.
इंटरव्यू बोर्ड के हर सदस्य के पास होगा लैपटाप
इंटरव्यू बोर्ड आयोग के एक सदस्य की अध्यक्षता में गठित किया जाता है, जिसमें 4 एक्सपर्ट भी होते हैं. बोर्ड के सभी पांचों सदस्यों के पास अलग- अलग लैपटाप होते है. ये लैपटाप आयोग की तरफ से उपलब्ध कराए गए हैं. हर लैपटाप पासवर्ड से खोला जाता है. जैसे ही उम्मीदवार बोर्ड के सामने आएगा, वैसे ही सभी लैपटाप के साथ उम्मीदवार का कोड प्रदर्शित हो जाएगा. उम्मीदवार का नाम, पता इत्यादि कुछ नहीं होता है. इंटरव्यू के बाद हर सदस्य अपने- अपने लैपटाप में अंक रिकॉर्ड करेगा. जैसे ही यह सबमिट करेगा, अंक एनक्रिप्टड हो जाएगा.
फिर बोर्ड का वह सदस्य भी अपने इन अंकों को बदल नहीं पायेगा. यह सीधा क्लाउड पर स्टोर हो जाएगा. बोर्ड का सदस्य अलग से पेपर पर भी उम्मीदवार के कोड नंबर के सामने अंक लिखेगा. इस पर सिग्नेचर करेगा. इंटरव्यू के बाद प्रिंट निकालकर उस पर भी हस्ताक्षर करेगा. इस प्रकार तीन तरह से ये अंक दर्ज हो जाएंगे. एक पूरे प्रिंट के साथ, एक हाथ से नोट किए हुए और एक डिजिटल फार्म में दर्ज हो जाएंगे. दोनों लिफाफे सीलबंद होंगे.
इंटरव्यू के अंक एनक्रिप्टड होंगे, रिजल्ट में कोई गलती नहीं होगी: डिप्टी सैक्रेटरी
HPSC के डिप्टी सैक्रेटरी सतीश सैनी ने कहा कि आयोग के चेयरमैन आलोक वर्मा के निर्देशन में यह नया सिस्टम बनाया गया है. यह अब लागू हो गया है. इससे जहां इंटरव्यू के अंक एनक्रिप्टड होंगे, उनके साथ कोई छेड़खानी नहीं कर पाएगा क्योंकि जिस क्लाऊड पर यह दर्ज होंगे, उसे डिक्रिप्ट करने के लिए 3 सदस्यों के अलग- अलग पासवर्ड के साथ ही दर्ज करने होंगे. इससे रिजल्ट में कोई चूक नहीं होगी. पहले गलती की आशंका बनी रह सकती थी. चूंकि, इंटरव्यू के अंक दशमलव में होते हैं इसलिए सिस्टम अपने आप ही ये अंक जोड़ेगा.
इससे रिजल्ट जल्दी तैयार हो जाएगा. उम्मीदवारों को सिर्फ कोड दिए जाते हैं और उन्हें इंटरव्यू बोर्ड का पता नहीं होता कि किसके पास इंटरव्यू होगा. बोर्ड के सदस्य अपने- अपने अंक लैपटॉप में रिकॉर्ड करते हैं. जैसे ही इंटरव्यू खत्म होगा, लैपटॉप का डाटा खत्म हो जाएगा. ये लैपटाप और क्लाऊड इंटरनैट से नहीं जुड़े हैं.
उम्मीदवार ड्रॉ से स्वयं चुनते हैं इंटरव्यू बोर्ड
जैसे ही उम्मीदवार इंटरव्यू के लिए जाते हैं तो उन्हें चार- चार के ग्रुप में डिप्टी सैक्रेटरी सतीश सैनी के पास जाकर अपना कोड और इंटरव्यू बोर्ड खुद सेलेक्ट करता है. कोड को अपने गले में पहनते हैं और चार डिब्बों में से उम्मीदवार अपना- अपना इंटरव्यू बोर्ड की पर्ची इन डिब्बों में से निकालते हैं. सिस्टम पर ही उम्मीदवार के रोलनंबर के सामने दिया गया कोड और इंटरव्यू बोर्ड का नंबर दर्ज किया जाता है.
बनी रहती है पारदर्शिता
इसके बाद बोर्ड के सामने जाने से पहले उम्मीदवार का कोड और बोर्ड का नंबर फिर दर्ज होता है. इससे पारदर्शिता बनी रहती है. न तो इंटरव्यू बोर्ड के किसी सदस्य को पता होता है कि उसके पास कौन उम्मीदवार आएगा और न ही किसी उम्मीदवार को पता होता है कि उसका इंटरव्यू किस बोर्ड के पास होगा. इंटरव्यू खत्म होते ही उम्मीदवार को आयोग का परिसर छोड़ना होता है.
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