चंडीगढ़ । HPSC ने बड़ा फैसला लिया है. आपकी जानकारी के लिए बता दिया जाए कि एचपीएससी ने HCS प्री एग्जाम रद्द करने का ऐलान किया है. साथ ही डेंटल का एग्जाम भी रद्द करने की घोषणा की है.
यह फैसला आज हरियाणा लोक सेवा आयोग की ओर से जारी लिया गया है. वहीं एचसीएस का पेपर 10 जुलाई को होगा, जिसमें वही उम्मीदवार बैठ पाएंगे जो पहली परीक्षा में शामिल हुए थे.
हरियाणा लोक सेवा आयोग के डेंटल सर्जन एवं एचसीएस प्रारंभिक परीक्षा में फर्जीवाड़े के मामले में राज्य विजीलैंस ब्यूरो ने निर्धारित समय के भीतर चालान पेश किया था. 60 दिन की निर्धारित अवधि से एक दिन पहले पंचकूला की अदालत में चालान पेश किया गया. इससे एचपीएससी के बर्खास्त उप सचिव व पूर्व एचसीएस अनिल नागर समेत तीन आरोपियों की मुश्किलें बढ़ गई थीं.
क्या है पूरा मामला
इस मामले में विजिलेंस ने 17 नवंबर को भिवानी निवासी नवीन को गिरफ्तार किया था. नवीन से पूछताछ के बाद उसके साथी अश्विनी शर्मा को झज्जर से गिरफ्तार किया गया. उसके पास से एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि बरामद हुई है.
अश्विनी ने बताया था कि यह राशि एचसीएस नागर को दी जानी थी. अश्वनी ने नागर को फोन किया तो नागर ने एचपीएससी कार्यालय में राशि मंगवाई. अश्वनी ने जैसे ही नागर को राशि दी, विजिलेंस ने उसे कार्यालय से ही पकड़ लिया. रिमांड के दौरान डेंटल सर्जन और एचसीएस प्रारंभिक परीक्षा की ओएमआर शीट बरामद की गई.
हरियाणा सरकार द्वारा बर्खास्त किए गए एचसीएस अधिकारी अनिल नागर पेपर पास कराने के लिए पैसे लेने और नौकरी में पैसे लेने का मास्टर माइंड था. इस काम के लिए वह भिवानी के नवीन और झज्जर के अश्विनी शर्मा को अपने साथ ले गया था. राज्य सतर्कता ब्यूरो ने इन तीनों द्वारा 32 नौकरियों का पता लगाया है. अनिल नागर ने एचसीएस प्री-परीक्षा को पास करने के लिए 15 उम्मीदवारों को खड़ा किया था. इनमें से पांच के नाम पेपर पास करने वालों की सूची में शामिल हैं.
इसी तरह डेंटल सर्जन की नौकरी के लिए 17 अभ्यर्थियों से पैसे लिए गए. इसमें भी 13 उम्मीदवारों के नाम पेपर पास करने वालों की सूची में शामिल हैं. हरियाणा लोक सेवा आयोग में उप सचिव के पद पर कार्यरत बर्खास्त एचसीएस अधिकारी अनिल नागर और अश्विनी शर्मा मिलकर ओएमआर शीट के साथ खिलवाड़ करते थे. विजिलेंस ने 22 नवंबर को तलाशी के दौरान अनिल नगर के कार्यालय से ओएमआर शीट भी बरामद की थी.
इस पूरे घटनाक्रम के अहम बिंदुओं का जिक्र हरियाणा सरकार की ओर से जारी अनिल नागर के बर्खास्तगी आदेश में किया गया है. विजिलेंस और पुलिस की पूछताछ में तीनों ने न सिर्फ डेंटल सर्जन और एचसीएस प्री परीक्षा के नाम पर सेटिंग करने, बल्कि ओएमआर शीट में गड़बड़ी करने की बात भी स्वीकार की है. मुख्य सचिव संजीव कौशल द्वारा जारी बर्खास्तगी आदेश में हरियाणा सरकार ने माना है कि अनिग नागर की इस कार्रवाई से राज्य के आम लोगों की नजर में सरकार की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.
हिसार के उकलाना निवासी नरेंद्र की शिकायत पर राज्य विजिलेंस ब्यूरो ने 17 नवंबर को भ्रष्टाचार निरोधक कानून समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था प्राथमिकी में स्पष्ट है कि हरियाणा लोक सेवा आयो द्वारा डेंटल सर्जन की भर्ती के लिए 29 सितंबर को आयोजित लिखित परीक्षा में सेटिंग की गई थी. इस मामले में भिवानी के नवीन और झज्जर के अश्विनी शर्मा के भी संबंध एचसीएस अनिल नागर से जुड़े पाए गए.
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