चंडीगढ़ | साल 2019 में हरियाणा में जो पुलिस भर्ती हुई थी उस भर्ती में सामाजिक- आर्थिक आधार पर गलत नंबर दे दिए गए. हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) ने स्वयं इस बात को स्वीकार किया है. इस भर्ती में कुल 68 युवाओं को उनके पिता की मृत्यु होने पर 5 अंक मिले थे परंतु अब 4 साल बाद 54 युवाओं की नौकरी जा सकती है क्योंकि कमीशन की तरफ से की गई जांच में सामने आया कि 68 में से पांच उम्मीदवारों के अंक सही दिए हुए हैं.
9 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनके 5 अंक घटा दिए जाएं तो भी वे मेरिट से बाहर नहीं होंगे. जबकि 54 युवा ऐसे हैं अगर उनके यह 5 अंक घट जाए तो वह नौकरी से बाहर हो जाएंगे.
9 मार्च को होने वाली सुनवाई में जवाब देगा आयोग
फिलहाल, मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में है. कुछ युवाओं के माता- पिता नहीं होने पर भी पांच अंक नहीं दिए गए थे, इसलिए उन्होंने इस भर्ती को कोर्ट में चुनौती दी थी. गुरुवार को कोर्ट ने आयोग को इस मामले में समाधान निकालने के आदेश जारी किए थे. मिली जानकारी के अनुसार, जो युवा माता- पिता की मृत्यु बताकर अंक लेना चाह रहे हैं, उन्हें अंक देने की अपेक्षा कमीशन उन 54 युवाओं को नौकरी से बाहर करने का निर्णय लेगा.
कमीशन की ओर से 9 मार्च को होने वाली सुनवाई में यही जवाब दिया जाएगा. बताया गया है कि इस भर्ती में 1005 युवाओं ने 5 अंक के लिए दावा किया था लेकिन उनमें से अधिकतर ने फार्म भरते समय इसकी जानकारी नहीं दी थी. यह उम्मीदवार स्क्रूटनी के दौरान अपने पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर गए थे लेकिन उस वक्त आयोग ने उन्हें 5 अंक नहीं दिए थे.
सिलेक्शन कमेटी से इस प्रकार हुई गलती
यह भर्ती प्रक्रिया 2019 में संपन्न हुई थी. उस वक़्त फादर लैस की योजना भी लागू हो चुकी थी. यानी जिनके पिता की मौत हो चुकी है लेकिन बाकी तीनों शर्त इसमें शामिल रखी गई. यहाँ पर सलेक्शन कमेटी द्वारा गलती हो गई. उसने उन युवाओं को भी अंक दे दिए, जिनके पिता की मृत्यु हो चुकी है.
कहीं इसमें शामिल तीनों शर्तों का पालन हुआ और कहीं पर इनकी पालना नहीं की गई. इस कैटेगिरी में 68 युवाओं का चयन हुआ. इस कैटेगिरी के कुछ युवाओं ने कमीशन से उन्हें भी इस प्रकार 5 अंक देने की अपील की लेकिन आयोग द्वारा इसके लिए मना कर दिया गया.
अन्य भर्तियां भी हो सकती है प्रभावित
हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमीशन ने विज्ञापन में कहा था कि जो अनाथ है, उसे 5 अंक अतिरिक्त दिए जाएंगे लेकिन इसमें यह भी शर्त थी कि उसके पिता की मृत्यु 42 साल की उम्र से पहली हुई हो. उम्मीदवार की उम्र उस वक़्त 15 वर्ष से ज्यादा नहीं रही हो और वह अपने माता- पिता की पहली दो संतान में होना चाहिए.
यदि कमीशन याचियों को 5 अंक देता है तो न केवल उसे दोबारा भर्ती परिणाम जारी करना होगा बल्कि अन्य भर्तियां भी इससे प्रभावित हो सकती है इसलिए उन भर्तियों में इस कैटेगरी के उम्मीदवार भी हाई कोर्ट जा सकते हैं. इसी वजह से कमीशन ने जिन्हें गलत नंबर दिए, उन्हीं के 5 अंक कम किए जाएंगे.
54 उम्मीदवार होंगे मेरिट से बाहर
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!कोर्ट में बात रख दी जाएगी कि जिन्हें गलत अंक दिए गए हैं, उनके ही यह अंक वापस ले लिए जाएंगे. इससे 54 उम्मीदवार मेरिट से बाहर हो जायेंगे. भर्ती के विज्ञापन में ऑर्फन शब्द लिखा था लेकिन सिलेक्शन कमेटी से अंक देने में गलती हुई. जो गलती पहले हुई वह दोबारा नहीं दोहराई जाएगी- भोपाल सिंह खदरी, अध्यक्ष , हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन