चंडीगढ़, 15 August Special | बात 1857 की है, जब पहले स्वतंत्रता आंदोलन में स्वतंत्रता सेनानी युद्ध में कूद पड़े थे. उस दौरान हरियाणा से 3000 से ज्यादा लोग मारे गए थे. अंग्रेजों ने कुछ को पकड़कर फांसी पर लटका दिया और कुछ की गोली मारकर हत्या कर दी. कई गांव जल कर राख हो गए. पहला स्वतंत्रता आंदोलन 10 मई 1857 को क्रांतिकारी सैनिक मंगल पांडे के नेतृत्व में शुरू हुआ था. इस दौरान 13 मई को जब गुड़गांव समेत अन्य जिलों में भी यह आग लगी तो हरियाणा के कई वीर इसमें शामिल हो गए. इनमें कई वीरों की जान चली गई.
गांव के गांवों को अंग्रेजों ने जला दिए
हरियाणा के प्रख्यात इतिहासकार प्रोफेसर केसी यादव के अनुसार, 1857 के पहले स्वतंत्रता आंदोलन में, पूरे हरियाणा में 3467 लोग अंग्रेजों के अत्याचारों के कारण मारे गए थे. 115 गांवों को जला दिया गया था. जानकारी के मुताबिक, सिटी गुड़गांव में 50 लोगों को अंग्रेजों ने या तो गोली मार दी या फिर फांसी पर लटका दिया. गुड़गांव जिले में 479 देशभक्तों की जान चली गई. वहीं, मेवात में 1019 लोगों की जान चली गई. इस दौरान अंग्रेजों ने यहां के 9 गांवों को पूरी तरह जला दिया था, जिसमें 328 लोगों की पहचान की गई थी.
रेवाड़ी में 128 लोगों की जान चली गई, लेकिन 75 की शिनाख्त हो गई. वहीं, फरीदाबाद में 180 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से 167 की पहचान हो गई. इसके अलावा राज्य के 21 गांवों को अंग्रेजों ने जला दिया था. इसमें महेंद्रगढ़ में 485 लोगों की मौत हुई, जिनमें से 29 की ही शिनाख्त हो सकी.
इस आंदोलन का नेतृत्व करने वाले झज्जर रियासत के नबाब अब्दुल रहमान को अंग्रेजों ने फांसी पर लटका दिया था. इसके साथ ही, वहां के लोगों पर कई तरह के अत्याचार किए गए. झज्जर में 88 मारे गए, जबकि 2 गांव जल गए. रोहतक में 100 लोगों की मौत, यहां भी 2 गांव जले अंग्रेजों के दमन का सिलसिला थमा नहीं. सोनीपत में 87 लोगों की मौत , कई गांव तबाह हो गए. भिवानी में इस विद्रोह में 30 लोग मारे गए थे. 1 गांव को अंग्रेजों ने पूरी तरह जला दिया था. हिसार में 232 लोगों की मौत.4 गांवों को जला दिया गया. सिरसा में 203 लोगों की मौत, 8 गांवों को जला दिया गया.पानीपत में 179 लोगों की जान चली गई. 22 गांवों में आग लगा दी गई. करनाल में 31, कुरुक्षेत्र में 42, अंबाला में 200 लोगों की मौत हुई.
प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी जिला
- चौधरी देवी लाल, सिरसा
- बलराम लुदेसर, सिरसा
- रामजी लाल, हिसार
- राधा कृष्ण वर्मा, भिवानी
- भागवत दयाल शर्मा, रोहतक
- छोटूराम, रोहतक
- लक्ष्मण दास, रोहतक
- सुल्तान सिंह, रोहतक
- दौलत गुप्ता, रोहतक
- बलदेव सिंह रोहतक
- भरत सिंह, रोहतक
- पंडित नेकीराम शर्मा, रोहतक
- चंद्रभान गुप्ता, रोहतक
- बाबू दयाल राम, रेवाड़ी
- बल्कुमुन्द गुप्त, झज्जर