चंडीगढ़ | अपनी ईमानदारी की वजह से लगातार तबादलों का दंश झेलने वाले वरिष्ठ IAS अधिकारी अशोक खेमका ने हरियाणा सरकार को एक पत्र लिखा है. सीएम मनोहर लाल को लिखे पत्र में उन्होंने मांग करते हुए कहा है कि उनकी पोस्टिंग सतर्कता विभाग में की जाए. उन्होंने इस कार्यकाल में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने की पेशकश की है. बता दें कि एक ईमानदार अधिकारी के रूप में देशभर में अपनी अलग पहचान बना चुके अशोक खेमका का अब तक 50 से ज्यादा बार ट्रांसफर हो चुका है.
ट्रांसफर की वजह से लगातार सुर्खियों में रहने वाले अशोक खेमका की पोस्टिंग फिलहाल अभिलेखागार विभाग में हैं. उन्होंने कहा कि उनकी वर्तमान पोस्टिंग में पर्याप्त काम नहीं हैं लेकिन कुछ अधिकारियों पर कई प्रभार और विभागों का बोझ है. 23 जनवरी को लिखे इस पत्र में खेमका ने कहा है कि काम का एकतरफा बंटवारा जनहित में नहीं होता है. मैंने भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए अपना करियर दांव पर लगा दिया है.
बता दें कि 31 साल की नौकरी में अशोक खेमका की यह 56वीं पोस्टिंग है. बीती 9 जनवरी को हरियाणा सरकार ने खेमका को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव से अभिलेखागार विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था. खट्टर सरकार को लिखे पत्र में खेमका ने कहा कि भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरी होती जा रही है.
खेमका ने कहा कि जब मैं भ्रष्टाचार को देखता हूं तो मेरी आत्मा को पीड़ा होती है. कथित सरकारी नीति के अनुसार भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म किए बिना, एक नागरिक का अपनी वास्तविक क्षमता हासिल करने का सपना कभी भी साकार नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकना उनकी सबसे पहली प्राथमिकता रही है, हमेशा रहेगी और भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए सतर्कता सरकार का मुख्य अंग है.
1991 बैच के हरियाणा कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी खेमका 2012 में राष्ट्रीय सुर्खियों में आए, जब उन्होंने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े गुरुग्राम के एक जमीन सौदे के म्यूटेशन को रद्द कर दिया था. यह भूमि के एक टुकड़े के स्वामित्व को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया का हिस्सा है.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!