चंडीगढ़ | हरियाणा में पुरानी पेंशन योजना (OPS) की मांग लगातार तूल पकड़ती जा रही है. कर्मचारियों का कहना है कि ओपीएस से कम कुछ भी मंजूर नहीं होगा. पुरानी पेंशन की मांग को लेकर हरियाणा प्रदेश के कर्मचारी 19 फरवरी को मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने पहुंचे थे लेकिन पुलिस ने इन्हें रोक दिया था. इस दौरान कर्मचारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए थे, पानी की बौछार की गई और कर्मचारियों को दौड़ा- दौड़ा कर पीटा गया था.
ऐसे में ठीक अगले दिन यानि 20 फरवरी को ओपीएस लागू करने को लेकर चंडीगढ़ में सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत हुई थी. इस कमेटी में हरियाणा के मुख्य सचिव, वित्त सचिव और सीएम के प्रधान सचिव को सदस्य मनोनीत किया गया था. इस मामले को लेकर अब अगली बैठक 2 मार्च को होगी. जिसके बाद, सरकार के रूख को भांपते हुए कर्मचारी अगली रणनीति तैयार करेंगे.
खेमका ने किया ट्वीट
हरियाणा के कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना की मांग को समर्थन देते हुए वरिष्ठ IAS ऑफिसर अशोक खेमका ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि ‘जीवन की संध्या में कर्मचारियों को बाजार के भरोसे छोड़ना, क्या नैतिक है. पेंशन फंड को सुनिश्चित करना चाहिए कि हर कर्मचारी को रिटायरमेंट पर पुरानी पेंशन योजना मुताबिक पेंशन मिले’.
जीवन की संध्या में कर्मचारियों को बाज़ार के सहारे छोड़ना, क्या नैतिक है?
पेंशन फंड को सुनिश्चित करना चाहिए कि हर कर्मचारी को रिटायरमेंट पर पुरानी पेंशन योजना मुताबिक पेंशन मिले।— Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) February 21, 2023
बता दें कि ओपीएस की मांग का मुद्दा कर्मचारी ही नहीं बल्कि यह राजनीतिक रंग लेने लगा है. पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा को स्पष्ट तौर से कह रहे हैं कि यदि 2024 में कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है तो वो हरियाणा में पुरानी पेंशन योजना बहाल करेगी. ऐसे में ओपीएस भारतीय जनता पार्टी के लिए सिर दर्द बनती जा रही है और हिमाचल प्रदेश में तो बीजेपी इस मुद्दे की वजह से सत्ता से बाहर हो गई थी.
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