IFFCO ने बनाई नैनो डीएपी, जानिए कब तक उपलब्ध हो पाएगी

चंडीगढ़ | इस वर्ष किसानों को डीएपी उपलब्ध ना होने की समस्या का सामना करना पड़ा. यह समस्या आगे फिर किसानों को ना हो इसलिए IFFCO (इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड) ने तरल डीएपी का निर्माण किया है. नैनो डीएपी का ट्रायल हरियाणा के 180 स्थानों पर किया जा रहा है.

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किसानों की सुविधा के लिए युवकों ने नैनो डीएपी का निर्माण किया है. जिस प्रकार से नैनो यूरिया तरल की भांति नैनो डीएपी तरल का निर्माण भी किया है वर्तमान में हरियाणा के 180 स्थानों पर अलग-अलग मौसम में तथा विभिन्न प्रकार की फसलों पर इसका ट्रायल किया जा रहा है. अभी तक इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. देश के विभिन्न राज्यों में तकरीबन 1100 स्थानों पर तरल डीएपी का ट्रायल किया जा रहा है.

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जाने कब तक उपलब्ध होगी तरल डीएपी

ऐसी संभावना है कि 2022 में नैनो यूरिया का परीक्षण पूरा होने के बाद केंद्र सरकार की अनुमति लेने के लिए भेजा जाएगा. ऐसी जानकारी है कि यह डीएपी कट्टो की बजाए बोतल में मिलेगा इसकी ट्रांसपोर्ट की लागत में कमी होगी. इसका मूल्य भी कम होगा और इससे फसल का उत्पादन भी बढ़ेगा.

आपको बता दें कि इफको ने इसी वर्ष देश को नैनो यूरिया भी दी है. यह किसानों को काफी पसंद आ रही है और ठोस यूरिया के विकल्प के रूप में किसान इसका प्रयोग कर रहे हैं. इसके बाद अब इफको तरल डीएपी बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है. इफको के हरियाणा राज्य विपणन प्रबंधक डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने जानकारी दी कि हरियाणा में खरीफ फसल अर्थात धान, मक्का, बाजरा, तिल आदि के साथ-साथ कई प्रकार की सब्जियों पर भी 180 स्थानों पर ट्रायल किया गया है. जिसके परिणाम बेहद उत्साहित करने वाले आए हैं.

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जानीए नैनो डीएपी की क्या होगी कीमत

किसानों को वर्तमान में डीएपी का कट्टा 1200 रुपए में मिल रहा है. जिस पर सरकार की सब्सिडी 1650 रुपए है अर्थात डीएपी के कट्टे की कीमत ₹2,850 है. नैनो डीएपी आने के पश्चात यह तरल उर्वरक  बिना सब्सिडी के भी किसानों को मौजूदा कीमत से काफी सस्ती मिलेगी. इससे सरकार तथा किसानों को भी लाभ होगा.

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जाने कब तक खेतों में पहुंचेगी नैनो डीएपी

आपको बता दें कि नैनो डीएपी का रिसर्च कार्य कलोल नैनो रिसर्च सेंटर पर किया जा रहा है. ऐसे आसार है कि देश भर में 11 स्थानों पर जल्द ट्रायल पूरा हो जाएगा. जिसके बाद 2022 में इसे केंद्र सरकार को अनुमति देने के लिए भेजा जाएगा केंद्रीय परीक्षण समिति इसकी अपने पैमानों पर जांच करेगी उसके पश्चात किसानों को इसे उपलब्ध कराने की अनुमति प्रदान करेंगी. इफको का प्रयास है कि अगले साल के अंत तक नैनो डीएपी किसानों के खेतों तक पहुंच जाएं. ऐसा अनुमान इसलिए लगाया जा रहा है क्योंकि नैनो डीएपी बनाने की दिशा में इफको तेजी से काम कर रही है.

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