चंडीगढ़ | डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों से निजी अस्पतालों व लैब में टेस्ट और प्लेटलेट्स के लिए मनमानी राशि वसूलने पर अब रोक लगेगी. इसके लिए हरियाणा में डेंगू और चिकनगुनिया के टेस्ट के लिए तीन साल तक शुल्क नहीं बढ़ेगा. साथ ही, सिंगल डोनर प्लेटलेट्स के लिए फीस तय कर दी गई है और 3 साल तक इसमें भी कोई वृद्धि नहीं होगी. यह व्यवस्था निजी लैब और अस्पतालों के लिए होगी. सरकारी अस्पतालों में ये टेस्ट फ्री होगा.
निजी संचालक उठाते हैं लाभ
कई निजी अस्पतालों और लैब की ओर से बिना ठीक से जांच किए मरीज को डेंगू या चिकनगुनिया से पीड़ित बता देते हैं. इसके बाद, मरीजों से चिकित्सा के नाम पर मोटी राशि वसूली जाती है. परिजनों के लिए मरीज के इलाज को देखते हुए ये मनमानी राशि देने की विवशता भी होती है. इसका कई अस्पताल संचालक लाभ उठाते हैं. सरकार का यह कदम इस पर अंकुश लगाने में सहायक होगा.
लोगों को मिलेगी राहत
जांच के शुल्क तय करने और इसे तीन साल तक न बढ़ाने की व्यवस्था को महंगी होती चिकित्सा के चलते राहत अवश्य कहा जा सकता है. इससे मरीजों से मनमानी वसूली पर अंकुश लगेगा. मरीजों को डेंगू से ग्रस्त बताने के लिए एनएस वन या एलाइजा टेस्ट में इसकी पुष्टि होना आवश्यक होगा. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू और चिकनगुनिया से किसी मरीज को पीड़ित घोषित करने के लिए दिशा- निर्देश जारी करना भी उचित है.
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