रोहतक । विश्वभर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन ने हा -हाहाकार मचाया हुआ है। वही भारत में भी इसके केसेज में हर दिन इजाफा देखने को मिल रहा है. इसी बीच हरियाणा में ओमीक्रॉन के खतरे के बीच म्यूकोर्मिकोसिस (Mucormycosis) या ब्लैक फंगस ने एक बार फिर दस्तक दे दी है. जिसके बाद राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया पं भागवत दयाल पीजीआईएमएस रोहतक में म्यूकोर्मिकोसिस के 18 मरीजों का इलाज चल रहा है. इनमें से 16 मरीज रोहतक जबकि अन्य आसपास के इलाकों से है। जबकि दो एनसीआर के हैं हालांकि अभीतक इस बीमारी से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है.
बता दें जिन मरीजों का रोहतक में इलाज चल रहा है इनमें से अधिकांश रोगियों में कॉमरेडिटीज हैं. वही ऐसे मामले भी है जिनमे ज्यादातर रोगियों ने या तो इसे छुपाया या कोरोना के डेल्टा वैरिएंट होने पर खुद के मधुमेह या शुगर से पीड़ित होने का उन्हें पता नहीं था। क्यूंकि म्यूकोर्मिकोसिस अधिकतर उन्ही मरीजों को हो रहा था जिनको कोरोना हो चुका हो और जो मरीज डायबिटीज से पीड़ित थे. उनमे इस बीमारी को होने की आशंका अधिक बनी हुई थी.
हरियाणा चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान (एमईआर) विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया – :”इन सभी मरीजों की उचित देखभाल की जा रही है, और सभी का अच्छी तरह इलाज चल रहा है,पीजीआईएमएस के पास पर्याप्त व्यवस्था है” वही स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा -“हमारा जोर लोगो के परीक्षण पर है, हमने डेंगू और कोरोना की जांच के लिए RTPCR के आदेश दे दिए है, साथ ही सभी लोगो को इनके लक्षणों के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है”
जानकारी के लिए बता दें 8 दिसंबर तक रोहतक में म्यूकोर्मिकोसिस के कुल मिलाकर 500 मामले दर्ज किए गए थे. वही हरियाणा में अबतक म्यूकोर्मिकोसिस के कुल 1,793 मामले सामने आये जिनमे से 274 मरीजों की मौत भी हो चुकी. इसके साथ ही हरियाणा ने डेंगू के अपने छह साल पुराने रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया. साल 2015 में, हरियाणा में जहां डेंगू के 9,921 मामले थे जिनमे 13 मरीजों की मौत हुई थीं.
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