हरियाणा में पंडित- मौलवी समेत सभी धर्मों के पुजारियों की हुई बल्ले- बल्ले, वेतन सहित मिलेगी ये सुविधाएं

चंडीगढ़ | हरियाणा में विधानसभा चुनाव को देखते हुए सूबे की नायब सैनी सरकार (Nayab Saini Govt) हर वर्ग को रिझाने में जुट गई है. इसी कड़ी में सरकार द्वारा अब पंडित- पुजारियों, पुरोहितों, इमाम- मौलवी, ग्रंथी, भिक्षु, लामा, नन, जैन साधु- साध्वियों और पादरियों को वेतन सहित तमाम सुविधाएं देने की घोषणा की गई है. इसके तहत, उन्हें और उनके आश्रितों को न केवल आवास और चिकित्सा लाभ मिलेंगे, बल्कि बच्चों को छात्रवृत्ति, कौशल प्रशिक्षण और अनुदान दिया जाएगा.

Nayab Singh Saini

सीएम ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठान कर मानव जीवन का स्तर सुधारने के लिए पहली बार हरियाणा में अर्चक, पुजारी एवं अन्य नियुक्त धार्मिक पेशेवर कल्याण बोर्ड गठित किया गया है. इसकी देखरेख वो स्वयं करेंगे. कला एवं संस्कृति कार्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव वी उमाशंकर ने बोर्ड गठन के आदेश जारी कर दिए हैं. बोर्ड का मुख्यालय चंडीगढ़ या पंचकूला में होगा, जबकि प्रदेश में कहीं भी कार्यालय स्थापित किए जा सकते हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा

बता दें कि वर्तमान में केंद्र सरकार में उर्जा मंत्री एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 11 दिसंबर 2022 को करनाल में आयोजित परशुराम महाकुंभ में पुजारियों- पुरोहितों के कल्याण के लिए बोर्ड बनाने की घोषणा की थी. उनकी इस घोषणा को मौजूदा नायब सैनी सरकार ने पूरा कर दिया है. बोर्ड का प्रबंधन शासकीय निकाय तथा कार्यकारी समिति के पास होगा. शासकीय निकाय में मुख्य कार्यकारी अधिकारी सह सदस्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी पदेन सदस्य तथा अध्यक्ष द्वारा मनोनीत सदस्य शामिल होंगे.

मिलेगी ये सुविधाएं

बोर्ड में शामिल सभी सदस्यों का कार्यकाल 1 साल अथवा नामांकन प्राधिकारी के निर्देश पर होगा. उपाध्यक्ष को हर महीने 75 हजार रुपये मानदेय के साथ 50 हजार रूपए मकान किराया, टेलीफोन, सेल फोन, स्टाफ कार के अलावा दैनिक भत्ता और चिकित्सा भत्ते का लाभ मिलेगा.

बोर्ड के दायित्व

बोर्ड पुजारियों की आर्थिक स्थिति, जीवनयापन सूचकांक और उनकी सेवाओं की प्रकृति का विश्लेषण कर न्यूनतम वेतन की सिफारिश करेगा. इसके साथ ही, पुजारियों और उनके स्वजनों की नियमित स्वास्थ्य जांच व चिकित्सा बीमा तक पहुंच सुनिश्चित करेगा. इसके अलावा, उनके आश्रितों की शैक्षणिक सहायता के लिए बोर्ड छात्रवृत्ति, व्यावसायिक प्रशिक्षण या अनुदान जैसे कार्यक्रम शुरू कर सकता है. पेंशन योजना, आपातकालीन स्थितियों या बच्चों की शादी जैसे आयोजनों के दौरान वित्तीय सहायता, धार्मिक- ऐतिहासिक महत्व के स्थानों की यात्रा की व्यवस्था भी बोर्ड द्वारा की जाएगी.

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