चंडीगढ़ | हरियाणा में अस्थाई स्कूल भी दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं के लिए बच्चों का पंजीकरण करवाते हैं. हर साल ऐसे स्कूलों को अनुमति भी मिल जाती है. लेकिन इस बार हरियाणा के ऐसे अनारक्षित स्कूलों के विद्यार्थी बोर्ड की परीक्षाओं के लिए अब तक पंजीकरण नहीं कर पाए हैं. इस बार लगभग 80 हजार विद्यार्थी दसवीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे क्योंकि उनके स्कूल को एक्सटेंशन नहीं मिला है.
इस कारण 80 हजार विद्यार्थी पंजीकरण नहीं करा पाए
इस पूरे मामले पर हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कहां है कि यह बच्चों के भविष्य का सवाल है. इसलिए इन स्कूलों को 1 वर्ष की एक्सटेंशन तुरंत दी जानी चाहिए, ताकि ऐसे स्कूलों के बच्चे बोर्ड की परीक्षाओं में अपना पंजीकरण करवा सके.
हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेश अध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने बताया कि राज्य में 1383 अस्थाई स्कूलों में पहली से लेकर 12वीं तक लगभग 6 लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. वही सरकारी में स्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों की बात करें तो इन स्कूलों के विद्यार्थी बोर्ड के फॉर्म भर चुके हैं. अभी तक अस्थाई स्कूलों का एक्सटेंशन लेटर जारी नहीं हुआ है. जिसके कारण 1383 अस्थाई स्कूलों को बोर्ड से संबंधता नहीं मिल पाई है जिसके कारण बोर्ड के विद्यार्थियों की पोर्टल पर आईडी भी बंद है. उन्होंने यह भी बताया कि एक्सटेंशन लेटर मिलने के बाद ही अस्थाई स्कूल बोर्ड की कक्षाओं के विद्यार्थियों का फॉर्म जमा कर पंजीकरण करवा पाएंगे.
टीचर्स एसोसिएशन ने ये की मांग
बता दें कि राज्य सरकार ने कोरोना के बढ़ते खतरों के कारण संपूर्ण हरियाणा के स्कूल व कॉलेजों को बंद कर दिया है. इसी के साथ कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन और हरियाणा कॉलेज non-teaching यूनियन ने यह मांग की है, कि कॉलेज के प्राध्यापकों को घर से ही ऑनलाइन कक्षाएं लेने की अनुमति दी जाए. जैसा कि पिछली बार पूरे स्टाफ को घर से काम करने की अनुमति दी गई थी. इस बार भी अनुमति दी जाए तो अध्यापकों के बीच संक्रमण फैलने का खतरा नहीं रहेगा.
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