हरियाणा के मंत्री की बढ़ी मुश्किलें, चंडीगढ़ SIT के हाथ लगे ये अहम सबूत

चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार में खेल मंत्री रहे संदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ गई है. चंडीगढ़ पुलिस टीम ने जूनियर महिला कोच के फटे कपड़ों को जब्त कर सीज कर लिया है. साथ ही, संदीप सिंह के खिलाफ केस में IPC की धारा 509 भी जोड़ दी है. चंडीगढ़ डीएसपी पलक गोयल ने बताया कि इस मामले में जांच का सिलसिला लगातार जारी है.

sandeep singh

IPC की धारा 509 जुड़ी

संदीप सिंह के खिलाफ केस में IPC की धारा 509 जोड़ दी गई है. यह धारा तब जोड़ी जाती है जब कोई भी ऐसा शब्द बोलना या किसी स्त्री के शील का अपमान करने के इरादे से कोई इशारा करना इस धारा के अंतर्गत अपराध कहलाता है. हालांकि, इस अपराध में व्यक्ति जमानत ले सकता है. इस धारा के तहत, अपराधी को तीन साल की साधारण जेल या आर्थिक दंड या दोनों से दण्डित किया जा सकता है.

यह भी पढ़े -  हरियाणा में 20 साल से शामलात भूमि पर काबिज लोगों को मिलेगा मालिकाना हक, विधेयक को मिली मंजूरी

SIT टीम पहुंची सरकारी आवास

चंडीगढ़ डीएसपी पलक गोयल के नेतृत्व में SIT टीम संदीप सिंह के सरकारी आवास पर जांच करने पहुंची. यहां टीम करीब 10 मिनट तक रुकी और कुछ जरूरी दस्तावेज जुटाएं. डीएसपी ने बताया कि मामले की जांच का सिलसिला लगातार जारी है. वहीं, इस मामले में पुलिस ने संदीप सिंह का मोबाइल अभी तक अपने कब्जे में नहीं लिया है जबकि महिला कोच का मोबाइल पहले ही जब्त किया जा चुका है.

यह भी पढ़े -  पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने HSSC पर लगाया 3 लाख का जुर्माना, महिला उम्मीदवार को नियुक्ति देने का भी आदेश

SIT ने 3 दिन की फुटेज मांगी

महिला कोच ने आरोप लगाते हुए कहा था कि वह 1 जुलाई को खेल मंत्री संदीप सिंह के सरकारी आवास पर गई थी. वहीं पर मंत्री ने उनके साथ छेड़छाड़ की थी और उसे अलग कैबिन में ले जाया गया. ऐसे में चंडीगढ़ पुलिस ने 30 जून से 2 जुलाई तक की पूरी सीसीटीवी फुटेज मांगी है ताकि पता चल सके कि महिला कोच वहां कब आई और कब वापस लौटी. वापस लौटते समय उसके चेहरे का हावभाव कैसा था और उसने उस वक्त कौन से कपड़े पहन रखे थे.

यह भी पढ़े -  हरियाणा में खेतों से गुजरने वाली हाईटेंशन बिजली लाइनों का मिलेगा मुआवजा, जानें क्या रहेगा पैमाना

नौकरों व स्टाफ से होगी पूछताछ

इस मामले में चंडीगढ़ पुलिस संदीप सिंह की कोठी पर तैनात नौकरों व अन्य स्टाफ से भी पूछताछ करेगी. इसके लिए हरियाणा लोक निर्माण विभाग से ब्यौरा मांगा गया है. जिसमें पूछा गया है कि उस वक्त यहां कौन- कौन तैनात था. एसआईटी सरकारी आवास में एक साल तक का रिकॉर्ड खंगालेगी.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!

exit