चंडीगढ़ | इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी (INLD) दो- फाड़ होने के बाद अब हरियाणा में अपना सियासी वजूद बचाने की जद्दोजहद कर रही है. इसी कड़ी में पार्टी ने अब बहुजन समाज पार्टी (BSP) की ओर राजनीतिक मेल- मिलाप का हाथ बढ़ाया है. यदि दोनों पार्टियों का गठबंधन हुआ, तो करीब 28 साल बाद दोनों पार्टियां हरियाणा में एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी.
अभय चौटाला ने की पहल
BSP सुप्रीमो मायावती को बुआ मानने वाले अभय चौटाला ने खुद पहल करते हुए गठबंधन के लिए आगे हाथ बढ़ाया है. बहुजन समाज पार्टी का हरियाणा में परम्परागत वोटबैंक है, जो चुनावी खेल को बना और बिगाड़ सकता है. इससे पहले साल 1988 के लोकसभा चुनावों में दोनों पार्टियां गठबंधन के साथ चुनावी रण में उतरी थी और 5 सीटों पर जीत हासिल की थी.
1988 के लोकसभा चुनावों में INLD ने सात सीटों पर तो वहीं, बसपा ने 3 सीटों पर गठबंधन के तहत अपने उम्मीदवार घोषित किए थे. उन चुनावों में आईएनएलडी की टिकट पर हिसार से सुरेन्द्र बरवाला, कुरुक्षेत्र से कैलाशो सैनी, सिरसा से सुशील इदौरा और सोनीपत से किशन सिंह सांगवान ने जीत हासिल की थी. वहीं, बसपा ने अंबाला लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी.
BSP का हरियाणा में परम्परागत वोटबैंक
जीटी रोड बैल्ट और दक्षिण हरियाणा में बहुजन समाज पार्टी का परम्परागत वोट बैंक है. इसके अलावा, यूपी के साथ लगते जिलों अंबाला, यमुनानगर, फरीदाबाद, नूंह और पलवल में भी पार्टी का अच्छा- खासा वोटबैंक हैं. 2019 के लोकसभा चुनावों में बसपा को 3.65% वोट मिले थे, जबकि आईएनएलडी 2% वोट भी हासिल नहीं कर पाई थी. 2014 में मोदी लहर के बावजूद भी पार्टी हरियाणा में 4.60% वोट बटोरने में कामयाब रही थी.
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