चंडीगढ़ | हर साल सर्दियों के मौसम की शुरुआत होने के बाद से ही पर्यावरण प्रदूषण की समस्याएं सामने आना शुरू हो जाती हैं. हरियाणा सरकार (Haryana Govt) द्वारा इन मामलों की रोकथाम के लिए अनेकों प्रयास भी किए जा रहे हैं. सख्ती बरतने के बावजूद भी कुछ किसान पराली जला रहे हैं, जिससे वायु प्रदूषण की समस्या और ज्यादा विकराल रूप ले लेती है. दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे हैं, जो पराली प्रबंधन के नए- नए तरीकों को अपना रहे हैं. इससे वह खुद भी आमदनी कर रहे हैं और सरकार से भी प्रोत्साहन पा रहे हैं.
सरकार दे रही प्रोत्साहन राशि
बता दें कि सरकार द्वारा किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. इसके अलावा, किसानों को सरकार द्वारा प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि भी दी रही है.
बात करें अगर अंबाला जिले की तो यहाँ वर्तमान में पराली जलाने के कम मामले सामने आए हैं. क्योंकि किसानों ने अपने खेतों में बेलर मशीनों की सहायता से पराली की गांठे बनानी शुरू कर दी है. अंबाला के शहजादपुर ब्लाक में किसानों द्वारा इस योजना का फायदा उठाया जा रहा है. किसान बेलर मशीन की सहायता से बिना फसल के अवशेषों को जलाए पराली की गांठे बनाकर तैयार कर रहे हैं, जिसे मार्केट में बेच रहे हैं. इससे उन्हें अच्छा खासा मुनाफा भी हो रहा है.
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