सीएम मनोहर लाल का बड़ा बयान- मुफ्त चीजें देने की बजाय लोगों को पैरों पर खड़ा कर रही है सरकार

चंडीगढ़ । हरियाणा विधानसभा के तीन दिन चले मानसून सत्र में कुल 11 विधेयक पारित किए गए. इस दौरान पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर हंगामा देखने को मिला. विपक्ष कुछ विधेयकों को समिति के पास भेजने की मांग पर अड़ा रहा तो वहीं सरकार ने उनकी शंकाओं को दूर कर कुछ विधेयकों में जरुरी सुधार कर उन्हें पारित किया. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में अपनी सरकार के सुशासन पर बोलते हुए कहा कि हम लोगों को मुफ्त चीजें देने की बजाय उन्हें पैरों पर खड़ा करने की दिशा में काम कर रहे हैं.

Webp.net compress image 11

विपक्ष ने खिलाफत के लिए की आलोचना

मानसून सत्र की समाप्ति पर सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हमने विधेयकों को पारित करने से पहले विपक्ष को विधेयक में त्रुटियों को इंगित करने का मौका दिया लेकिन विपक्ष ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन न करते हुए केवल खिलाफत करने के लिए आलोचना की. भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्‍यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार (हरियाणा संशोधन) विधेयक से विकास परियोजनाओं को अमलीजामा पहनाने में मदद मिलेगी.भूमि मालिकों को न्यायोचित मुआवजा देने तथा भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता में संतुलन बनाए रखने के लिए यह विधेयक पारित किया गया है.

यह भी पढ़े -  हरियाणा में ठेके पर जमीन लेकर खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी, मिलेगा लोन और मुआवजा

फैमिली आईडी का मुख्य लक्ष्य लाभ, सब्सिडी, योजनाओं और सेवाओं के वितरण के लिए लाभार्थियों और प्राप्तकर्ता की पहचान करना है. कई बार गलत जानकारी देकर अपात्र लोग योजनाओं का लाभ उठा जातें हैं और जरुरतमंद आदमी इस लाभ से वंचित रह जाता है.

विधायकों ने उठाए जनहित के मुद्दे

मानसून सत्र में पक्ष और विपक्ष दोनों ने जनहित के मुद्दों को तवज्जो दी. विपक्ष ही नहीं,सता पक्ष के विधायक भी अपने हलकों में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गंभीर दिखें. कई विधायकों ने आवाज उठाई कि निचले स्तर पर भ्रष्टाचार का बोलबाला है. किसान आंदोलन पर कांग्रेस जहां पहले की तरह आक्रामक मूड में नजर आई वहीं गठबंधन सरकार का स्टैंड पहले जैसा ही रहा. सत्र के दौरान पुलिस भर्ती पेपर लीक मामला, कोरोना काल में हुई मौतें व परिवार पहचान पत्र के आंकड़े सुरक्षित रखने जैसे मामलों को लेकर पक्ष-विपक्ष में तीखी नोंकझोंक देखने को मिली. सत्ता पक्ष की ओर से सीएम मनोहर लाल, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला व शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर मोर्चा संभाले नजर आए तो वही विपक्ष की तरफ से नेता विपक्ष भुपेंद्र हुड्डा,किरन चौधरी ,बीबी बत्रा व रघुबीर कादियान ने मोर्चा संभाला.

यह भी पढ़े -  IPL में अबकी बार छाएंगे हरियाणवी छोरे, सभी श्रेणियां में हुए शामिल; पढ़ें डिटेल्स

सत्र के दौरान निर्दलीय विधायक भी सक्रिय नजर आए. नयनपाल रावत ने अपने हल्के के गांव छायंसा में अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल कालेज में ओपीडी शुरू कराने की मांग रखी. राकेश दौलताबाद ने गुरुग्राम नगर निगम में भ्रष्टाचार की जांच को प्रमुखता से उठाया.रोहतक से कांग्रेसी विधायक बीबी बत्रा ने मानसून सीजन में दो फुट तक सड़कों पर जलभराव की समस्या से सदन को अवगत कराया.

बरवाला से जेजेपी विधायक जोगीराम सिहाग ने अपनी ही सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार का यह कहना ग़लत है कि बरवाला नगर पालिका ही बड़ी परियोजनाओं के डिजाइन तैयार करेंगी. जब पालिका में अधिकारी ही नहीं है तो डिजाइन कहां से तैयार होगा. भाजपा विधायक सुधीर सिंगला ने गुरुग्राम नगर निगम और विधायक नरेंद्र गुप्ता ने फरीदाबाद नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाया. निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने किसान आंदोलन का मसला सुलझाने के लिए सरकार से पहल करने की मांग की.

जीएमडीए और आवासीय संघों से नाराजगी

निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद ने गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि 2017 में जीएमडीए का एक्ट बना था जिसमें क्लाज नंबर -47 में प्रावधान है कि तीन वर्ष पश्चात एक कमेटी का गठन होगा जिसमें पूरे देश के विशेषज्ञ शामिल होंगे जोकि सर्वागिण विकास की दिशा बताएंगे. आठ महीने बीत जाने के बावजूद भी कमेटी का गठन नहीं हुआ है.
विधायक राकेश ने एचआरएसएस एक्ट में बदलाव के लिए प्राइवेट बिल खारिज किए जाने पर आपत्ति जताई. उन्होंने बताया कि पाच हजार आवासीय संघ है . हम उनमें भ्रष्टाचार रोकने के पक्षधर हैं और हमारे बिल को मनी बिल कहकर खारिज कर दिया.

यह भी पढ़े -  हरियाणा में नए जिले बनने पर ब्रेक, अब जनगणना के बाद ही फैसला लेगी सरकार

काम में बाधा उत्पन्न करना हुड़दंग की परिधि में

घरौंडा हलके से विधायक हरविंदर कल्याण ने किसान आंदोलन के नाम पर नेताओं का घेराव, तोड़फोड़, जनप्रतिनिधियों के काम में अड़चन डालने पर सदन में राजनीति से ऊपर उठकर चिंतन करने की बात कही. उन्होंने सदन में मौजूद सभी सदस्यों से अपील करते हुए कहा कि विरोध की परिभाषा तय हो . यदि किसान आंदोलन के नाम पर विरोध की गतिविधियां एक तय सीमा से आगे बढ़ती है तो उसे हुड़दंग की संज्ञा दी जाएं.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!

exit