चंडीगढ़ | देश के लाखों श्याम भक्तों का खाटूश्याम मंदिर खुलने का इंतजार सोमवार को खत्म होने जा रहा है. 85 दिनों तक बंद रहने के बाद मंदिर को आज शाम सवा चार बजे श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा. गौरतलब है कि बाबा खाटू श्याम का लक्खी मेला 22 फरवरी से शुरू होने जा रहा है जो 4 मार्च को समाप्त होगा. ऐसे में मेले तक रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा खाटू श्याम मंदिर में दर्शन के लिए आएंगे. खाटू श्याम मंदिर 13 नवंबर से बंद है. मंदिर के विस्तार के लिए मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए बंद करने का निर्णय लिया गया. खाटू कस्बे में 2 माह से अधिक समय तक कई विकास कार्य हुए.
खाटू कस्बे में इस बार 75 फुट मेला मैदान में लगी टेढ़ी-मेढ़ी को 14 लंबी लाइन में तब्दील कर दिया गया है. पूरा मैदान टिनशेड से ढका हुआ है. पहले यहां सिर्फ 4 लाइनें थीं. लाइन बढ़ने से श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी. दर्शन के बाद श्रद्धालुओं की निकासी के लिए कानपुर की धर्मशाला के पास 40 फीट चौड़ी नई सड़क बनाई गई है.
इसके अलावा, खाटू कस्बे में कई आम सड़कों की चौड़ाई भी बढ़ा दी गई है. इससे यहां भीड़ का दबाव ज्यादा नहीं बढ़ सका. 8 अगस्त को बाबा खाटू श्याम के मासिक मेले के दौरान मची भगदड़ में तीन महिलाओं की मौत हो गयी थी. पूछताछ केंद्र जो पहले 75 फीट मैदान के अंत में बनाया गया था उसे मंदिर चौक के बाहर स्थानांतरित कर दिया गया है ताकि श्रद्धालु भीड़ में प्रवेश किए बिना पूछताछ केंद्र से जानकारी प्राप्त कर सकें. कस्बे की कई सड़कों पर बिजली के तार अंडरग्राउंड हो गए हैं.
लखदातार मैदान में श्रद्धालुओं का सबसे अधिक समय लगता है. ऐसे में अब लखदातार मैदान में टिन शेड लगाया गया है. मेले के अलावा अन्य दिनों में पैदल चलने वालों की सुरक्षा के लिए रींगस रोड पर 4 किमी पैदल मार्ग बनाया गया है. हालांकि, खाटू श्याम कस्बे में कुछ सड़कों का काम अब तक पूरा नहीं हो सका है. उन्हें काम चलाने के लिए बनाया गया है.
मेले से पहले 1100 आरएसी के जवान तैनात
खाटू श्याम जी का लक्खी मेला शुरू होने से पहले ही खाटू कस्बे में करीब 1,100 आरएसी, पुलिस और सुरक्षा गार्ड तैनात कर दिए गए हैं. उन्होंने रविवार से ही अपने प्वाइंट पर ड्यूटी शुरू कर दी है. इसमें दो पालियों में आरएसी व पुलिस कर्मियों की 12-12 घंटे की ड्यूटी होगी. होमगार्ड की 8 घंटे की ड्यूटी के लिए तीन शिफ्ट होती है. मंदिर खुलने के साथ ही भीड़ बढ़ने पर जाब्ता बढ़ाया जाएगा. मेले के दौरान करीब 3,000 से 4,000 सुरक्षाकर्मी सुरक्षा व्यवस्था संभालते हैं. इस बार भीड़ बढ़ी तो यह संख्या भी बढ़ाई जाएगी.
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