आखिर क्यों, हरियाणा में गहरा रहा है बिजली संकट, ऊर्जा मंत्री ने बताया कारण

चंडीगढ़ । इन दिनों हरियाणा में बिजली कटौती की समस्या लगातार बढ़ रही है, जिस वजह से विपक्ष सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है.इस पर चर्चा करते हुए हरियाणा के ऊर्जा मंत्री रंजीत चौटाला ने स्पष्ट किया है कि राज्य में बिजली की बिल्कुल भी कमी नहीं है. मगर कुछ तकनीकी कारणों की वजह से बिजली की मांग पूरी नहीं हो पा रही है. जिसे लेकर लगातार काम किया जा रहा है. उन्होंने यह भी बताया है कि आखिर क्यों बिजली की कमी इस बार हरियाणा को महसूस हो रही है, इन सभी सवालों का जवाब हरियाणा के ऊर्जा मंत्री ने दिया है.

ranjeet chautala

कोयले का है पर्याप्त भंडार

हरियाणा के ऊर्जा मंत्री रंजीत चौटाला ने कहा कि राज्य में कोयले का पर्याप्त भंडार है और कोयले की कमी से किसी भी थर्मल प्लांट में उत्पादन बाधित नहीं होगा. पिछले साल गर्मी के मौसम में अधिकतम मांग 12,120 मेगावाट प्रति दिन थी.

इसलिए हो रही है ज्यादा बिजली खप्त

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते शहरीकरण और उद्योगों के दिल्ली से बाहर जाने के कारण बिजली की मांग 1000 से बढ़कर 1500 मेगावाट प्रतिदिन हो गई है. बिजली मंत्री ने कहा कि खेदार थर्मल प्लांट की एक इकाई तकनीकी कारणों से बंद है और इसे ठंडा होने में 72 घंटे लगते हैं. इसका राउटर बदलना पड़ा, लॉकडाउन के चलते चीन से बुलाए गए इंजीनियर नहीं पहुंच पाए. लेकिन अब इसकी मरम्मत का काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि पानीपत में 250-250 मेगावाट की तीन इकाइयां, खेदार में 600-600 मेगावाट की दो इकाइयां और यमुनानगर में 300-300 मेगावाट की दो इकाइयां चालू हैं. इसके अलावा अदाणी पावर से 1400 मेगावाट बिजली ली जा रही है.

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सरकार 12 रूपये यूनिट खरीद रही बिजली

उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में किसी भी हाल में बिजली की किल्लत नहीं होगी. यहां तक ​​कि सरकार 12 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली भी खरीद रही है. उन्होंने कहा कि यह स्वाभाविक है कि गर्मी के दिनों में जब तकनीकी कारणों से कोई खराबी आती है तो उसे ठीक करने में कुछ समय लगता है.

इसलिए की गई बिजली कटौती

कृषि क्षेत्र में बिजली आपूर्ति के बारे में पूछे जाने पर बिजली मंत्री ने कहा कि हरियाणा और पंजाब में गेहूं की फसल एक साथ पक गई है और दिन में गेहूं की कटाई जोरों पर है, इसलिए कृषि क्षेत्र की बिजली आपूर्ति में कटौती की जाती है. ताकि गेहूं की फसल में चिंगारी में आग न लगे. कृषि क्षेत्र को लगातार रात 7 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है.

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हरियाणा हर क्षेत्र में पंजाब से आगे

एक अन्य सवाल के जवाब में बिजली मंत्री ने कहा कि हरियाणा हर क्षेत्र में पंजाब से आगे है. हरियाणा ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल और ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में से एक है. नीति आयोग ने भी इसकी तारीफ करते हुए बड़े राज्यों की श्रेणी में हरियाणा को दूसरा स्थान दिया है.

अडानी समूह से हुआ है समझौता

बिजली मंत्री चौटाला ने बताया कि अडानी समूह से बिजली लेने का समझौता 2008 से किया जा रहा है. वहां से कोई नई बिजली नहीं ली जा रही है, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से बिजली नहीं मिल रही थी, जिसके संबंध में बातचीत हो चुकी है और जल्द ही अदाणी समूह की ओर से समझौते के तहत राज्य सरकार को बिजली मिलना शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी भी हाल में बिजली की किल्लत नहीं होगी. स्वाभाविक है कि गर्मी के दिनों में जब तकनीकी कारणों से कोई खराबी आती है तो उसे ठीक करने में कुछ समय लगता ही है.

हरियाणा में अभी ये है बिजली की दरें

हरियाणा में 50 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट से अधिक बिजली की खपत के लिए अधिक बिल देना होता है.0 से 150 यूनिट तक बिजली 25 पैसे प्रति यूनिट महंगी हो गई है. इस स्लैब में 2.50 की जगह 2.75 रुपये प्रति यूनिट बिल देना होगा. हालांकि, अन्य स्लैब की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. बता दें कि नई दरें 1 अप्रैल से लागू हो चुकी हैं. आयोग हर साल बिजली निगम की वार्षिक राजस्व प्राप्ति (एआरआर) के आधार पर याचिका पर दरों के संबंध में निर्णय देता है.

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कृषि के लिए सरकार किसानों को 10 पैसे प्रति यूनिट बिजली उपलब्ध करा रही है.इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. उद्योगों और कृषि उद्योगों को भी पुरानी दरों पर बिजली मिलती रहेगी. बिजली के साथ गौशाला और श्मशान के लिए 2 रुपये की विशेष छूट देते हुए दरें 2.75 रुपये प्रति यूनिट तय की गई हैं. राज्य में 72.63 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं. बता दें कि 31 जुलाई 2021 को 37 पैसे की छूट दी गई थी.

घरेलू उपभोक्ताओं के लिए यह है टैरिफ

श्रेणी 1
0-50 यूनिट 2 रुपये
51-100 यूनिट 2.50 . रुपये

श्रेणी – 2
0-150 यूनिट 2.75
151-250 यूनिट रु 5.25
251-500 युनिट 6.30 रुपये
501-800 यूनिट 7.10 रुपये

श्रेणी-3
801 रुपये से ऊपर की यूनिट 7.10 रूपयेफ्लैट

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