चंडीगढ़ । हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलजा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच चल रही तनातनी का कोई भी नतीजा निकल कर सामने नहीं आया. वही हाईकमान ने साफ संकेत दिए कि हुड्डा समर्थक विधायकों के विरोध के बावजूद कुमारी शैलजा कम से कम अगले 9 महीनों तक अध्यक्ष के पद पर बनी रहेगी. बता दे कि पंजाब और उत्तर प्रदेश के चुनाव नतीजों से पहले कांग्रेस हाईकमान हरियाणा में किसी तरह का बदलाव नहीं करना चाहती.
पंजाब और उत्तर प्रदेश में चुनाव के बाद लेगी कांग्रेस हाईकमान फैसला
दोनों राज्यों में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होना है, जबकि हरियाणा के चुनाव 2024 में होने हैं. अब तक अध्यक्ष को बदलने का हुड्डा समर्थक विधायकों का दबाव मानने से कांग्रेस हाईकमान ने साफ इंकार कर दिया. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा समर्थक 25 विधायकों ने कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात कर मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा को पद से हटाने की मुहिम शुरू की थी.
बता दे कि हरियाणा में पिछले 8 साल से कांग्रेस का संगठन नहीं बन पाया है. हुड्डा समर्थक फूलचंद मुलाना जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे तब से लेकर अशोक तंवर और कुमारी शैलजा के कार्यकाल मे कोई संगठन खड़ा ना होने की वजह से कार्यकर्ता भी मायूस है. हालांकि संगठन नहीं बन पाने के पीछे हुड्डा,शैलजा, सुरजेवाला, किरण, कुलदीप और कैप्टन अजय की अपनी अपनी अलग ही राजनीति है, वही अध्यक्ष के नाते शैलजा संगठन बनाने की अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकते. हुड्डा समर्थकों की नाराजगी का कारण यह है कि उनके नेता को सिर्फ 2 से 4 साल तक ही सीमित करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन जब विधायकों ने सैलजा के खिलाफ कड़ा मोर्चा खोला तो हाईकमान की ओर से हुड्डा व उनकी पसंद – नापसंद को पूरा महत्व देने का भरोसा दिलाया गया.
हुड्डा विधायकों ने रखी अपनी मांग
यह उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ दिनों में हरियाणा कांग्रेस के ऐसे संगठन का प्रारूप सामने आएगा जिसमें सभी दिग्गज नेताओं के समर्थकों को एडजस्ट किया जा सकेगा. वही हुड्डा समर्थक विधायकों की पहली मांग थी कि संगठन का ऐलान जल्द किया जाए और उनकी पसंद को पूरा महत्व दिया जाए. हाईकमान ने हुड्डा समर्थकों के दाव को भलीभांति समझते हुए फिलहाल अध्यक्ष के बदलाव से इनकार कर दिया है, लेकिन सर्वमान्य संगठन की जल्द घोषणा का भरोसा दिलाया है. हुड्डा समर्थकों ने हाईकमान के इस संकेत को अपनी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा से नहीं जोड़ा क्योंकि उन्हें लग रहा है कि पंजाब व उत्तर प्रदेश के चुनाव नतीजे से पहले शैलजा को पद से हटाने की उनकी मुहिम में वे कामयाब नहीं हो सकते.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!